Union Cabinet: 'कर्मयोगी योजना' को मंजूरी, जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक पास
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 2, 2020 03:28 PM2020-09-02T15:28:55+5:302020-09-02T17:20:19+5:30
जावड़ेकर ने कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा। इसका नाम 'कर्मयोगी योजना' है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा।
नई दिल्लीः पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस दौरान कई फैसले लिए गए। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी दी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी की क्षमता का लगातार वर्धन कैसे हो, इसके लिए क्षमता वर्धन का एक कार्यक्रम चलेगा। इसका नाम 'कर्मयोगी योजना' है और 21वीं सदी का सरकार के मानव संसाधन के सुधार का एक बहुत बड़ा सुधार कहलाएगा। भर्ती होने के बाद विभिन्न कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कार्यक्रम चलेगा जिसका नाम 'कर्मयोगी योजना' है।
जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला हुआ है। इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी। सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक लाया गया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत अधिकारियों के स्किल को बढ़ाया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को मंजूरी दी।मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नए विधेयक के तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक लाने को मंजूरी दे दी जिसके तहत उर्दू और अंग्रेजी के अलावा अब कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को भी इस केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाएगा।
इस फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक 2020 को संसद के आगामी मानसून संत्र में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राजभाषा विधेयक 2020 लाने के फैसले को मंजूरी दी गई।
जावड़ेकर ने विधेयक की विस्तृत जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार दिया कि इस बारे में संसद में विस्तार से चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने डोगरी, हिन्दी और कश्मीरी को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में डालकर क्षेत्र की जनता की एक बहुत पुरानी और लंबित मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके सरकार ने न सिर्फ क्षेत्र की जनता की ओर से लंबे समय से की जा रही एक मांग पूरी की है बल्कि यह गत पांच अगस्त के निर्णय के अनुरूप समानता की भावना को भी प्रतिबिंबित करता है।’’
Union Cabinet has approved the introduction in Parliament the Jammu & Kashmir Official Languages Bill 2020 in which 5 languages Urdu, Kashmiri, Dogri, Hindi & English will be official languages. This has been done based on public demand: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/bKcU8FoNFC
— ANI (@ANI) September 2, 2020
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले हफ्ते सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए अलग-अलग टेस्ट को हटा एक ही टेस्ट की बात हुई। अब आज कैबिनेट ने कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है, जो सरकारी अफसरों के काम को किस तरह बढ़िया किया जाए उसके तहत काम करेगी, ये सरकार की ओर से अधिकारियों का स्किल बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना है। कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सर्विस के लोगों को नई तकनीक, उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी, जिसके तहत व्यक्तिगत से लेकर संस्थागत तौर पर विकास किया जाएगा।
Mission Karmayogi aims to prepare Indian Civil Servants for future by making them more creative, constructive, imaginative, innovative, proactive, professional, progressive, energetic, enabling, transparent and technology-enabled: Govt of India https://t.co/gKte91bVg4
— ANI (@ANI) September 2, 2020