उज्जैनः अब महाकाल लोक में गिरा 5 किलो वजनी नक्काशीदार लट्टू नुमा पत्थर, पत्रकार बाल-बाल बचे
By बृजेश परमार | Published: June 1, 2023 09:07 PM2023-06-01T21:07:22+5:302023-06-01T21:59:19+5:30
अबकी बार महाकाल लोक में दर्शनार्थियों के लिए बने त्रिवेणी मंडप में 30 फीट ऊंचे पिलर से करीब 5 किलो वजनी नक्काशीदार लट्टू नुमा पत्थर नीचे आ गिरा।

पत्थर गिरा वहां की टाइल्स पूरी तरह से फूट गई और उसमें बड़ा सा गड्ढा हो गया।
उज्जैनः चार दिन पहले आंधी-तूफान में श्री महाकाल लोक में लगी सप्तऋषि की 10 से 11 फीट उंची 7 में से 6 प्रतिमाएं धराशायी हो कर टूट गई थी। इस मामले में राजनीतिक भूचाल आया हुआ है।
गुरूवार को महाकाल लोक में फिर एक हादसा हुआ है। अबकी बार महाकाल लोक में दर्शनार्थियों के लिए बने त्रिवेणी मंडप में 30 फीट ऊंचे पिलर से करीब 5 किलो वजनी नक्काशीदार लट्टू नुमा पत्थर नीचे आ गिरा। इस दौरान वहां कवरेज करने गए मीडिया मैन मनोज कुशवाह बाल-बाल बच गए।
गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ताओं का दल श्री महाकाल भगवान को ज्ञापन देने पहुंचा था। ज्ञापन के बाद कांग्रेस प्रवक्ता श्री महाकाल लोक में हुए घटनाक्रम को देखने पहुंचे थे। इसका कवरेज करने के लिए प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार पहुंचे थे। इनमें शामिल पत्रकार मनोज कुशवाह त्रिवेणी मंडप में खड़ा था।
पत्रकार ने एक कदम आगे ही बढ़ाया था कि तभी करीब 30 फीट ऊंचे पिलर से नक्काशी किया हुआ लट्टू नुमा पत्थर नीचे आ गिरा। कुशवाह इसमें बाल-बाल बच गए। नीचे जिस जगह पर पत्थर गिरा वहां की टाइल्स पूरी तरह से फूट गई और उसमें बड़ा सा गड्ढा हो गया। त्रिवेणी मंडपम में पिलरों पर इस प्रकार के कई लट्टू नुमा नक्काशी के पत्थर लगे हुए हैं। जो कि पिलर से चिपके हुए हैं।
पत्थर चिपकाने के गम के सूखने पर यह पत्थर अब नीचे गिर रहे हैं। गनीमत रही कि यह हादसा भीड़ के समय नहीं हुआ अन्यथा किसी श्रद्धालु की जान पर बन आती। स्थाई स्ट्रक्चर में हुए इस मामले को लेकर महाकाल लोक का निर्माण करने वाली उज्जैन स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठक से चर्चा करने पर उनका कहना था कि वे पीएस की मिटिंग में हैं।
घटनाक्रम पर सवाल को लेकर उनका कहना था कि वे पीएस की विजिट में हैं बाद में जवाब देंगे। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता का कहना है कि महाकाल लोक में पहली घटना के बाद प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा आकर कहते हैं कि प्राकृतिक आपदा के कारण ऐसा हुआ है इसे राजनीतिक रूप से नहीं देखना चाहिए।
अब तो महाकाल लोक का ठोस स्ट्रक्चर भी गिरने लगा है। जिससे हजारों लोगों की जान खतरे में है। यही नहीं अन्य 11 मूर्तियां दरक गई तड़क गई हैं। मुख्यमंत्री जी कहते हैं 06 मूर्तियां बदल दी जाएगी तो बाकी का क्या होगा?इनके काम पर कांग्रेस के सवाल अब जायज हो गए हैं । लोकायुक्त ने स्वत:संज्ञान लेकर प्रकरण दर्ज कर लिया है।
लोकायुक्त के सवालों के इनके पास जवाब नहीं हैं।कांग्रेस ने जो 356 करोड़ स्वीकृत किया था इन्होंने सीधे-सीधे बंदरबांट की है। पैसा जिस काम में खर्च किया व्यवस्थित नहीं किया या यूं कहें की इसमें लक्ष्य धर्म विस्तार नहीं पैसा खाना था तो अतिश्योक्ति नहीं है। स्ट्रक्चर की पूरी जांच के लिए कुछ दिनों के लिए महाकाल लोक को बंद किया जाना चाहिए और जांच एजेंसी की रिपोर्ट के बाद ही इसे खोला जाना चाहिए।
भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी के अनुसार गुरुवार दोपहर में त्रिवेणी मंडप में पत्थर गिरने की उन्हे जानकारी नहीं है।वैसे राज्य शासन स्तर से प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा जिस दिन उज्जैन आए थे अधिकारियों को मूर्ति एवं अन्य स्ट्रक्चर की जांच के लिए आदेशित कर गए हैं। केंद्रीय एजेंसी से जांच के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आवश्यता होने पर ऐसा भी किया जाएगा। सभी मूर्तियों की जांच कर उनमें से जो दरक-तडक गई हैं, उन्हें पुन:नई लगाने के निर्देश हो चुके हैं।