UIDAI ने हैदराबाद के 127 लोगों को भेजा नोटिस, तो ओवैसी ने मोदी सरकार पर किया हमला, दिलाई आधार एक्ट के इस बात की याद
By अनुराग आनंद | Published: February 19, 2020 12:29 PM2020-02-19T12:29:42+5:302020-02-19T13:23:12+5:30
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी UIDAI द्वारा नोटिस भेजे जाने से खासे नाराज हैं। अपनी नाराजगी उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर उतारी है। उन्होंने ट्वीट कर आधार एक्ट के तहत UIDAI पर भी सवाल खड़ा किया है।
UIDAI ने हैदराबाद के 127 लोगों को नोटिस भेजा है। अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को भेजे गए UIDAI की इस नोटिस को देखकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी खासे नाराज हैं। अपनी नाराजगी उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर उतारी है। ओवैसी ने ट्वीट कर इस मामले में सरकार से सवाल किया है। उन्होंने इस मामले में सरकार को घेरने का प्रयास किया है।
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ये कहा है-
बता दें कि हैदराबाद में 127 लोगों को जारी की गई नोटिस के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर विरोध जताया है। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आधार एक्ट के सेक्शन 9 के मुताबिक आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना गया है। उन्होंने कहा कि UIDAI के पास ऐसे कौन से कानूनी अधिकार है, जिसके तहत नागरिकता के सबूत मांगे गए हैं। यह गैर कानूनी और अस्वीकार्य है।
THREAD: UIDAI did not follow due procedure & abused its powers. The result was (understandable) panic among people
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 19, 2020
First, @UIDAI has no power to verify citizenship. It has few powers to look into some cases of Aadhaar being granted incorrectly (rules 27 & 28) https://t.co/2QlzaOcwVJ
UIDAI ने आधार को नागरिकता के लिए डॉक्यूमेंट्स मानने से किया इनकार-
बता दें कि हैदराबाद के लोगों को बेजे गए नोटिस में UIDAI ने मंगलवार को कहा था कि आधार नागरिकता के लिए डॉक्यूमेंट्स नहीं है। UIDAI के हैदराबाद कार्यालय ने कथित तौर पर गलत तरीका अपनाकर आधार नंबर प्राप्त करने के लिए 127 लोगों को नोटिस भेजे हैं, हालांकि यह जोड़ा कि इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद नोटिस जारी किए हैं। आधार अधिनियम के तहत यूआईडीएआई को यह सुनिश्चित करना होता है कि आधार के लिए आवेदन करने से पहले कोई व्यक्ति भारत में कम से कम 182 दिनों से रह रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यूआईडीएआई को अवैध प्रवासियों को आधार नहीं जारी करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले अमित शाह पर ओवैसी ने कसा था तंज-
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी गतिविधियों कानून (UAPA) को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सबकुछ नॉर्मल है ना? ऐसे में शाह अब यहां कठोरता और अपमान का नया रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर UAPA लगाया है। जिसके तहक कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
उन्होंने इसके आगे कहा था कि यूएपीए कानून आतंकवाद से निपटने के लिए बनाया गया है। जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के बाद पुलिस ने इस एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
Kashmir mein sab kuch normal hai, haina?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) https://twitter.com/asadowaisi/status/1229559558101590016?ref_src=twsrc…">February 18, 2020
Everyday there is new proof of how little https://twitter.com/AmitShah?ref_src=twsrc%5Etfw">@AmitShah understood Kashmir (or apparently, how VPN technology works). So, now they try to set new world records of cruelty, incompetence & humiliation https://t.co/G0E8aBkbYG">https://t.co/G0E8aBkbYG