शिंदे के मंच पर नजर आए उद्धव ठाकरे के भाई और भतीजा, बाल ठाकरे की कुर्सी को रखा गया खाली

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 6, 2022 07:05 AM2022-10-06T07:05:48+5:302022-10-06T07:17:16+5:30

दिलचस्प बात यह थी कि ठाणे में अंतिम रैली के दौरान शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा इस्तेमाल की गई कुर्सी को मंच पर बीच में खाली रखा गया था। उद्धव ठाकरे के भाई-भतीजे के अलावा बाल ठाकरे के 27 साल तक करीबी सहयोगी रहे चंपा सिंह थापा भी शिंदे के मंच पर मौजूद थे।

Uddhav Thackeray's brother and nephew seen on Shinde's stage Balasaheb Thackeray's chair kept vacant | शिंदे के मंच पर नजर आए उद्धव ठाकरे के भाई और भतीजा, बाल ठाकरे की कुर्सी को रखा गया खाली

शिंदे के मंच पर नजर आए उद्धव ठाकरे के भाई और भतीजा, बाल ठाकरे की कुर्सी को रखा गया खाली

Highlightsउद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे और भतीजा निहार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा किया।बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे के अपने छोटे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मधुर संबंध नहीं हैं।जयदेव ने (अलग राह चुनने के) शिंदे के ‘साहसी कदम’ की प्रशंसा की और कार्यकर्ताओं से उनका साथ नहीं छोड़ने की अपील की।

मुंबईः शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे शिवसेना से बगावत करके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे के धड़े द्वारा मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में बुधवार को आयोजित दशहरा रैली के मंच पर नजर आए। गौरतलब है कि बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान में हुई शिंदे की अगुवाई वाले गुट की रैली में जयदेव ठाकरे से अलग हुईं उनकी पत्नी स्मिता भी मौजूद थीं और साथ में उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े भाई दिवंगत बिंदूमाधव ठाकरे के बेटे निहार भी रैली में मौजूद थे।

दिलचस्प बात यह थी कि ठाणे में अंतिम रैली के दौरान शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा इस्तेमाल की गई कुर्सी को मंच पर बीच में खाली रखा गया था। उद्धव ठाकरे के भाई-भतीजे के अलावा बाल ठाकरे के 27 साल तक करीबी सहयोगी रहे चंपा सिंह थापा भी शिंदे के मंच पर मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत में स्मिता ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें रैली के लिए आमंत्रित किया था। बताया जाता है कि बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे के अपने छोटे भाई उद्धव ठाकरे के साथ मधुर संबंध नहीं हैं।

अपने संक्षिप्त भाषण में जयदेव ठाकरे ने (अलग राह चुनने के) शिंदे के ‘साहसी कदम’ की प्रशंसा की और कार्यकर्ताओं से उनका साथ नहीं छोड़ने की अपील की। वहीं, शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी दशहरा रैली का आयोजन किया। शिंदे और उद्धव ठाकरे, दोनों ही अपने-अपने गुट के ‘असली’ शिवसेना होने का दावा करते हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ शिंदे की बगावत की वजह से शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार 29 जून को गिर गई थी। 

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