फड़नवीस के बयान पर उद्धव ठाकरे ने किया पलटवार, कहा- वह हम पर झूठे आरोप लगा रहे
By रामदीप मिश्रा | Published: November 8, 2019 06:31 PM2019-11-08T18:31:23+5:302019-11-08T18:42:37+5:30
महाराष्ट्रः उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देवेंद्र फड़नवीस मुझ झूठ बोलने का आरोप लग रहे हैं। अमित शाह बात करने मुंबई आए थे उसी समय उनसे सीएम पद को लेकर बातचीत हो गई थी।
महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच गतिरोध गहरा गया है। जहां देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना पर हमला बोला वहीं उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले उनसे मीठी-मीठी बातें कीं और ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर बात हुई थी। हमारे ऊपर फड़नवीस झूठे आरोप लगा रहे हैं। ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा।
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देवेंद्र फड़नवीस मुझ झूठ बोलने का आरोप लग रहे हैं। अमित शाह बात करने मुंबई आए थे उसी समय उनसे सीएम पद को लेकर बातचीत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि मैंने बालासाहेब से वादा किया था कि एक दिन शिवसेना के मुख्यमंत्री होंगे और मैं उस वादे को पूरा करूंगा, इसके लिए मुझे अमित शाह और देवेंद्र फड़नवीस की जरूरत नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि गंगा की सफाई करते समय उनके दिमाग प्रदूषित हो गए। मुझे बुरा लगा कि हमने गलत लोगों के साथ गठबंधन किया है।
इससे पहले सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद फड़नवीस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पोस्ट के लिए 50-50 पर मेरे सामने कभी कोई निर्णय नहीं हुआ। मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी सीएम के लिए 50-50 फॉर्म्युले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आये थे लेकिन किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका। हालांकि, बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन ने जरूर बहुमत हासिल किया। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और ऐसे में इस गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है। शिवसेना ने बीजेपी के सामने सरकार बनाने को लेकर 50-50 का फॉर्मूला सामने रखा है, जिसके बाद पेंच फंसा है। शिवसेना की मांग है दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।