महाराष्ट्र के मंत्री राजू वाघमारे का दावा, उद्धव ठाकरे ने CAA का किया विरोध, महा विकास अगाड़ी जल्द ही लेगा कोई निर्णय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 19, 2020 08:29 AM2020-01-19T08:29:51+5:302020-01-19T08:29:51+5:30
10 जनवरी से देश में नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) लागू हो गया है। हालांकि, इस कानून को लेकर अब भी देश में विरोध प्रदर्शन जारी है। इतना ही नहीं कई राज्य इस कानून को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र ( Maharashtra ) सरकार ने भी इस कानून को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राजू वाघमारे ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने भी कानून पर अपना रुख व्यक्त किया है। जहां तक सीएए पर प्रस्ताव का सवाल है, महा विकास अगाड़ी (एमवीए) जल्द ही एक निर्णय लेगा।
Raju Waghmare,Congress: CM Uddhav Thackeray has said that he is against #CitizenshipAmendmentAct and our senior leader Balasaheb Thorat has also expressed his stand on the law. As far as resolution on CAA is concerned,Maha Vikas Agadi (MVA) will soon take a decision. #Maharashtrapic.twitter.com/KfUmcxNMOg
— ANI (@ANI) January 18, 2020
बता दें कि 10 जनवरी से देश में नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) लागू हो गया है। हालांकि, इस कानून को लेकर अब भी देश में विरोध प्रदर्शन जारी है। इतना ही नहीं कई राज्य इस कानून को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र ( Maharashtra ) सरकार ने भी इस कानून को लेकर बड़ा ऐलान किया है। महा विकास अघाड़ी ( MVA ) सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र में नागरिकता कानून लागू नहीं किया जाएगा।
महा विकास अघाड़ी की सरकार ने साफ कहा है कि महाराष्ट्र में में सीएए लागू नहीं किया जाएगा। उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) सरकार में मंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा था कि CAA पर हमारी भूमिका स्पष्ट है और वह राज्य में सीएए को लागू नहीं करेंगे। उन्होंने कहा यह भी कहा था कि विपक्षी दलों का साझा बयान जारी होगा।
थोराट ने यहां तक कहा कि हम न्यायालय के फैसला आने तक का इंताजर करेंगे। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना था कि फिलहाल महाराष्ट्र में हमारी सरकार है, केन्द्र सरकार भले ही कानून बना सकती है। लेकिन, उस कानून को लागू करना या नहीं करना राज्य सरकार के हाथ में होता है।