महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मतभेद होने से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इनकार, जानिए क्या है मामला
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 22, 2020 08:35 AM2020-02-22T08:35:44+5:302020-02-22T08:36:13+5:30
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने सीधे जनता से सरपंच चुनने के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को रद्द कर ग्राम पंचायत सदस्यों में से सरपंच चुनने संबंधी अध्यादेश जारी करने की शिफारस राज्यपाल कोश्यारी से की थी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पत्रकारों ने बातचीत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मतभेद होने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि राज्य विधानमंडल का सत्र होने वाला है और राज्यपाल ने सुझाव दिया है कि सदस्यों में से सरपंच चयन का निर्णय सदन में कराया जाना चाहिए.
ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने सीधे जनता से सरपंच चुनने के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को रद्द कर ग्राम पंचायत सदस्यों में से सरपंच चुनने संबंधी अध्यादेश जारी करने की शिफारस राज्यपाल कोश्यारी से की थी.
इसके पूर्व राज्य मंत्रिमंडल ने इस संदर्भ में निर्णय लिया था. यह शिफारिस राज्यपाल ने खारिज कर दी थी और कहा था कि 24 फरवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के सत्र में तत्संबंधी कानून बनाया जाए. राज्यपाल की इस भूमिका के कारण अब विधानमंडल में कानून बनने तक सीधे सरपंच चुनने का पहले का निर्णय बरकरार रहेगा.
पूर्व ग्रामविकास मंत्री और भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने शुक्रवार को बीड़ में कहा कि सीधे जनता से सरपंच चुनने का निर्णय जनहित का था और सबने पसंद किया था. उसे बदला नहीं जाना चाहिए. राज्य के वर्तमान कामगार व उत्पादन शुुल्क मंत्री दिलीप वलसे ने कहा कि सदस्यों में से सरपंच चुनने संबंधी विधेयक विधानमंडल में जल्द लाया जाएगा और कानून बनाया जाएगा.