उद्धव ठाकरे सरकार: मंत्रालय का नहीं हो पा रहा बंटवारा, शिवसेना के मंत्री तय, NCP-कांग्रेस में नहीं बनी अब तक सहमति
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 5, 2019 08:35 AM2019-12-05T08:35:25+5:302019-12-05T08:35:25+5:30
शिवसेना के कोटे से मंत्री बनने वालों के नामों की सूची तैयार है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और राकांपा के कोटे से मंत्री बनने वालों के नाम और मंत्रालयों पर सहमति नहीं बन पा रही है.
अतुल कुलकर्णी
शिवसेना, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महाविकास आघाड़ी की सरकार बने चार दिन हो गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ शपथ लेने वाले छह मंत्रियों को अब तक को मंत्रालय नहीं दिए गए हैं. मंत्रिमंडल का विस्तार और मंत्रालयों का बंटवारा अटक जाने से सरकार के कामकाज को गति नहीं मिल पा रही है. कांग्रेस व राकांपा के नेता दिल्ली जाकर आ चुके हैं. वहां बैठकें भी हुईं, लेकिन कहा जा रहा है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.
सूत्रों का कहना है कि एनसीपी के नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. लेकिन शरद पवार की इच्छा है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए. यह सत्र 16 से 21 दिसंबर की अवधि में होगा. उसके बाद क्रिसमस की छुट्टियां लगेंगी. पश्चात लोग 31 दिसंबर मनाने के मूड में रहेंगे.
कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में बता दिया है कि सरकार बनने के महीने भर बाद तक मंत्रिमंडल का विस्तार व मंत्रालयों का बंटवारा नहीं होने से गलत संदेश जाएगा. इसके अलावा सवाल यह भी है कि केवल 6 मंत्रियों को लेकर सत्र का सामना कैसे किया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि राज्य के किसानों को कर्जमाफी देनी है तो किसी मंत्री या मंत्री समूह को उसकी जिम्मेदारी देनी होगी और सारी जानकारी मंगानी होगी. लेकिन मंत्रियों के पास मंत्रालय ही नहीं है. इस कारण कोई भी काम करना संभव ही नहीं है. खबर यह भी है कि राकांपा की ओर से यह दबाव भी है कि जब तक अजित पवार को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाता तब तक कर्जमाफी की घोषणा न की जाए.
मंत्रियों ने सरकारी निवासस्थान बदले
मंत्रियों ने सरकारी निवासस्थान भी बदल लिए हैं. नितिन राऊत को 'चित्रकूट' बंगला मिला था. उसको उन्होंने नकार दिया तो उनको 'पर्णकुटी' बंगला दिया गया. 'चित्रकूट' बंगला विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को दिया गया है. मंत्रालय में कार्यालयों का भी वितरण हो गया है. लेकिन मंत्री इस बात से परेशान हैं कि कोई मंत्रालय नहीं होने वे काम क्या करें?
मुख्यमंत्री ही कर रहे सभी फैसले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठकें शुरू की हैं. वे ही सभी फैसले ले रहे हैं और उन पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं. अब तीनों पार्टियों के लोग यह मांग कर रहे हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार होने के तक कम से कम 6 मंत्रियों को तो मंत्रालय बांट दिए जाएं ताकि कामकाज शुरू हो जाए.