उदयपुर: दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में केसरिया ध्वज लेकर सड़क पर उतरे हजारों लोग, देखें वीडियो
By रुस्तम राणा | Published: June 30, 2022 02:21 PM2022-06-30T14:21:10+5:302022-06-30T14:21:52+5:30
भारी सुरक्षा के बीच विरोध मार्च में विभिन्न हिंदू संगठनों के लगभग हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा भगवा झंडा लेकर न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन की अनुमति के बाद यह विरोध मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया।
उदयपुर: दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के विरोध में गुरुवार को हजारों लोगों ने हाथ में केसरिया ध्वज लिए मार्च निकाला। हालांकि विरोध मार्च के दौरान पथराव भी हुआ लेकिन पुलिस ने परिस्थिति को संभालने में सफल रही। भारी सुरक्षा के बीच विरोध मार्च में विभिन्न हिंदू संगठनों के लगभग हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा भगवा झंडा लेकर न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जिला प्रशासन की अनुमति के बाद यह विरोध मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला गया।
#WATCHराजस्थान: बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर आकर उदयपुर हत्याकांड का विरोध किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022
28 जून को दो लोगों ने दर्ज़ी कन्हैया लाल का सिर काट दिया था। उन्होंने भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा के बयान का कथित रूप से समर्थन करते हुए ऑनलाइन पोस्ट किया था। pic.twitter.com/x6PzZmHN1I
हालांकि शहर में कर्फ्यू के दौरान जुलूस की अनुमति दिए जाने और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने पर सवाल उठाए गए थे। इससे पहले हत्या को लेकर मंगलवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से शहर में सभी दुकानें बंद हैं और इंटरनेट बंद है। कन्हैया लाल के परिवार से मुलाकात करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच गुरुवार को सीएम ने कन्हैया लाल के परिजनों से मुलाकात की।
राजस्थान: राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में कन्हैया लाल के परिजनों से मुलाकात की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022
28 जून को दो लोगों ने दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी। pic.twitter.com/LBB0VLW9IR
गौरतलब है कि 48 वर्षीय कन्हैया लाल की मंगलवार को गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी नाम के दो लोगों ने उसकी दुकान पर ही धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। हत्यारों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाकर इंटरनेट पर अपलोड कर दिया था। इसके बाद दोनों ने वीडियो बनाकर ही इस हत्या का कबूलनाम किया था और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी।
बाद में पुलिस ने दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और इस मामले में पांच अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद निरोधी संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है।