'मदरसों में क्या छोटे बच्चों को ईशनिंदा की सजा सिर कलम करना बताया जाता है...', उदयपुर की घटना पर बोले आरिफ मोहम्मद खान

By भाषा | Published: June 29, 2022 08:09 PM2022-06-29T20:09:31+5:302022-06-29T22:34:14+5:30

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि मुस्लिम लॉ कुरान से नहीं आता और इसे अलग-अलग लोगों ने ‘एम्पायर’ के दौरान लिखा और इसमें सिर कलम करने की बात है। उन्होंने कहा कि यह लॉ मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जाता है।

Udaipur incident Arif Mohammad Khan says in madrasas young children are told to behead for blasphemy | 'मदरसों में क्या छोटे बच्चों को ईशनिंदा की सजा सिर कलम करना बताया जाता है...', उदयपुर की घटना पर बोले आरिफ मोहम्मद खान

मदरसों में छोटे बच्चों को ईशनिंदा की सजा सिर कलम करना बताया जाता है: आरिफ मोहम्मद खान (फाइल फोटो)

Highlights'मुस्लिम लॉ कुरान से नहीं आता, इसमें सिर कलम की बात कही गई है, ये मदरसों में पढ़ाया जाता है'हर बच्चे को 14 साल की उम्र तक विविधता पूर्ण शिक्षा देने की है जरूरत: आरिफ मोहम्मद खान

तिरुवनंतपुरम: राजस्थान में एक दर्जी की नृशंस हत्या को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को कहा कि क्या मदरसों में छोटे बच्चों को यह सिखाया जाता है कि ईशनिंदा की सजा सिर कलम करना है। खान ने हर बच्चे को 14 साल की उम्र तक विविधता पूर्ण शिक्षा देने की वकालत करते हुए कहा कि यह उनका एक मौलिक अधिकार है और इस उम्र से पहले बच्चों को कोई अलग विशिष्ट शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम लॉ कुरान से नहीं आता। खान ने कहा कि इसे विभिन्न लोगों ने ‘एम्पायर’ के वक्त लिखा और इसमें सिर कलम करने की सजा का जिक्र है। राजस्थान के उदयपुर में दो व्यक्तियों ने मंगलवार को एक दर्जी की गला काटकर हत्या कर दी थी और घटना के वीडियो ऑनलाइन डाले थे। इन वीडियो में आरोपियों ने कहा था कि उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लिया है।

खान ने कहा, ‘अब अगर किसी को पांच या छह वर्ष की आयु से सिखाया जाए...जिसे वे मुस्लिम लॉ कहते हैं...यह कुरान से नहीं आया। इसे तो अलग-अलग लोगों ने ‘एम्पायर’ के दौरान लिखा और इसमें सिर कलम करने की बात है। यह लॉ मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जाता है।’ 

उन्होंने कहा कि अगर (बच्चों को) सिखाया जाए, उससे वे प्रभावित हों और वैसा ही व्यवहार करें तो इससे निपटना बेहतर होगा। खान ने कहा, ‘पहली बात तो यह कि यह कोई दैवीय कानून नहीं है। इसे लोगों ने ‘एम्पायर’ के वक्त लिखा। बच्चों को वे बताते हैं कि यह ईश्वर का कानून है।’ राज्यपाल ने कहा कि लोग ऐसी चीजों पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं जब ये आस्था की बात बन जाती हैं और उसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।

Web Title: Udaipur incident Arif Mohammad Khan says in madrasas young children are told to behead for blasphemy

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