अमेठी के दो गांवों के लोग बनवाना चाहते हैं मनोहर पर्रिकर की याद में मूर्ति, वजह है बेहद खास

By पल्लवी कुमारी | Published: March 20, 2019 06:32 PM2019-03-20T18:32:15+5:302019-03-20T18:32:15+5:30

पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। पिछले एक सालों से मनोहर पर्रिकर बीमार चल रहे थे।

Two Villages in Amethi Adopted By Ex-Defence Minister Manohar Parrikar Want Statues In His Memory | अमेठी के दो गांवों के लोग बनवाना चाहते हैं मनोहर पर्रिकर की याद में मूर्ति, वजह है बेहद खास

अमेठी के दो गांवों के लोग बनवाना चाहते हैं मनोहर पर्रिकर की याद में मूर्ति, वजह है बेहद खास

Highlightsअमेठी के बरौलिया और हरिपुर दोनों गांवों को दिवगंत मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था। बरौलिया गांव को 2015 में और 2017 में हरिहरपुर गांव को गोद लिया था।

उत्तर प्रदेश के अमेठी के बरौलिया और हरिपुर गाँवों के निवासी पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए अपने गांव में प्रतिमा बनवाने की मांग कर रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेठी के बरौलिया और हरिपुर दोनों गांवों को दिवगंत मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था। 

बरौलिया को 2015 में और 2017 में हरिहरपुर को गोद लिया था। इसी वजह से इन दोनों के गांवों के लोगों ने मनोहर पर्रिकर की याद में गांव में प्रतिमा बनवाने की मांग की है। बता दें कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनने के बाद पर्रिकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में रक्षामंत्री बने थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, मनोहर पर्रिकर के गोद लेने के बाद ही गांव का पूरा नक्शा ही बदल गया था। सड़के अच्छी हो गई थी। स्कूल, सोलर लाइटें,  स्किल डेवलपमेंट कैंप्स इत्यादी सबकी हालत सही हो गई थी। इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों के रखरखाव पर भी बहुत ध्यान दिया गया था। मनोहर पर्रिकर लगातार गांव के संपर्क भी बनाए रखते थे। दोनों गाँवों में पर्रिकर की मूर्तियों के निर्माण के लिए गाँव के निवासी अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं। 

इस पूरे मामले पर बरौलिया गांव के पूर्व ग्राम प्रधान सुरेंद्र प्रताप सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया है कि अगर मनोहर पर्रिकर मूर्ति बनवाने के लिए सरकार हमारी मदद करती है तो ठीक है वर्ना हम गांव वाले चंदा करके उनकी प्रतिमा बनवाने के लिए तैयार हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, राम शंकर शास्त्री जो एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता और हरिपुर के निवासी हैं, उन्होंने कहा है कि पर्रिकर के प्रयासों के कारण गाँव में काफी बदलाव हुआ है। 

मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। पिछले एक सालों से मनोहर पर्रिकर बीमार चल रहे थे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर आए थे। स्वदेश वापस लौटने के बाद वह कुछ महीनों तक दिल्ली के एम्स में भी भर्ती थे। 

Web Title: Two Villages in Amethi Adopted By Ex-Defence Minister Manohar Parrikar Want Statues In His Memory

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