ताइवान की राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए BJP सांसद, भड़के चीन ने बताया-आतंरिक मामलों में दखल
By निखिल वर्मा | Published: May 26, 2020 10:24 AM2020-05-26T10:24:33+5:302020-05-26T10:24:33+5:30
2016 में जब साइ इंग वेन ने पहली बार राष्ट्रपति पद संभाला तो भारत ने शपथग्रहण समारोह के न्यौते के बावजूद किसी प्रतिनिधि को नहीं भेजा था. बीजेपी सांसदों का इस बार शपथग्रहण समारोह में शामिल होना, ताइवान के प्रति भारत के बदलते रुख को दर्शाता है.
ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो सांसदों द्वारा हिस्सा लेने चीन ने नाराजगी व्यक्त की है। ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ की नेत्री साइ इंग वेन 20 मई को राष्ट्रपति के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की।
बीजेपी के दो सांसदों मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साइ इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया और उन्हें बधाई दी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ समेत दुनियाभर के 41 देशों के कुल 92 प्रतिनिधि शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे। चीन ने बीजेपी सांसदों की मौजदूगी पर आतंरिक मामलों में दखल देने से परहेज करने के लिए कहा है।
हांगकांग की तरह ही चीन ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा नहीं देता है और उसे अपना ही एक हिस्सा बताता है। चीन ताइवान के औपचारिक आजादी का पक्षधर है। उसका कहना है कि वह ताइवान की आजादी के प्रयासों को रोकने के लिए बलप्रयोग से भी नहीं चूकेगा। वर्तमान राष्ट्रपति साइ इंग वेन ताइवान की औपचारिक आजादी की पक्षधर है।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के काउंसलर ली बिंग ने भारतीय सांसदों की उपस्थिति पर आपत्ति दर्ज कराई है। इस शिकायत में ली ने कहा कि बीजेपी सांसदों मिनाक्षी लेखी, राहुल कस्वान ने त्साई इंग-वेन को जो बधाई दी है, वो सरासर गलत है और इसे सुधारने की जरूरत है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के एक-चीन के सिद्धांत से अवगत कराते हुए कहा कि भारत सरकार ने एक-चीन सिद्धांत का पालन करने का वादा किया है। ये मसला उस समय उठा है जब ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की बैठकों में शामिल होना चाहता है। भारत इसके पक्ष में है। ताइवान एक नॉन-वोटिंग ऑब्जर्वर के तौर पर 2009 से 2016 तक वह विश्व स्वास्थ्य असेम्बली की बैठकों में हिस्सा लेता रहा है।
साइ इंग वेन के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी और राहुल कस्वान ने अपने साझे संदेश में कहा. "भारत और ताइवान लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करते हैं। भारत और ताइवान, दोनों लोकतांत्रिक देश हैं और स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों के सम्मान के साझे मूल्यों से बंधे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और ताइवान ने द्विपक्षीय रिश्तों में व्यापार, निवेश और लोगों के आपसी आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में काफी विस्तार दिया है।"
इस विषय टीओआई से बात करते हुए राहुल कस्वान ने अपनी स्थिति का बचाव किया और समारोह में शामिल होने का फैसला भारत के रुख के अनुरूप था। बधाई संदेश देकर भारत ने किसी चीज का उल्लंघन नहीं किया है। कस्वान ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों को कोई टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
भले ही भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया, लेकिन दो सांसदों की मौजूदगी ने चीनी अधिकारियों को परेशान किया, जिन्होंने उसी दिन आपत्ति जताई थी, हालांकि उन्होंने दो सांसदों के नाम नहीं लिए थे। चीन के विदेश मंत्रालय ने किसी का नाम लिए बिना आशा व्यक्त की हर कोई ताइवान की स्वतंत्रता के लिए अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करे और चीन के लोगों का समर्थन करे।