ट्विटर ने 'ब्राह्मणवाद' विवाद पर माँगी माफी, इंडिया आए CEO जैक डोर्सी विवादित प्लेकार्ड के साथ आए थे नजर
By स्वाति सिंह | Published: November 21, 2018 09:23 AM2018-11-21T09:23:11+5:302018-11-21T09:23:11+5:30
इस पोस्ट को लेकर ट्वीटर ने सफाई दी है। ट्वीटर इंडिया ने लिखा 'बीते दिनों हमने महिला पत्रकारों के एक ग्रुप के साथ एक चर्चा की।इसके पीछे केवल ट्विटर को इस्तेमाल करने और उनके अनुभव को बेहतर तरीके से समझना था।
बीते दिनों भारत दौरे पर आए ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी विवादों में घिर गए हैं। भारत आने के बाद जैक डोर्सी यहां अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों से मिले।साथ ही उन्होंने कई महिला पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एक ग्रुप फोटो खिचवाई।उस फोटो में उन्होंने एक तख़्त को पकड़ा हुआ था। उस पर इंग्लिश में लिखा है 'Smash Brahminical Patrriarchy' यानि ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को ढहा दो’। हालांकि इसके लिए ट्विटर ने माफी मांगी है।
इस फोटों के वायरल होने के बाद लोग डोर्सी की खूब आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा "ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ये जो प्लेकार्ड पकड़ा है उसे देखें। क्या उन्हें 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की धज्जियां उड़ाने' का मतलब भी पता है? और अगर ऐसा है तो उन्हें इसके बारे में और भी विस्तार से बताना चाहिए, या फिर उन्हें ऐसे हरकत के लिए माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि भारत में ट्विटर में ज्यादा मसहूर है और भारत में बोलने की आजादी है इसका ये मतलब नहीं की वे जो चाहें बेतुका काम नहीं कर सकते।'
See the poster held by Jack Dorsey Twitter CEO. Does he know the meaning of "Smash Brahminical Patriarchy"? If yes he should explain, or else apologise for such insinuation. Just because Twitter is popular & more freedom in India unlike China, he cannot get away with nonsense. pic.twitter.com/48Kh3JgF42
— Seshadri Chari (@seshadrichari) November 19, 2018
एक यूजर ने लिखा लिखा 'लगता है #Endcasteapartheid और #Smashbrahmincalpatriarchy पर बनाया मेरा यह पोस्टर हिंदुत्व के ट्रोल्स को ज्यादा पसंद नहीं आया।शायद इसलिए क्योंकि जैक को यह पोस्टर एक ऐसी दलित कार्यकर्ता द्वारा दिया गया था जो वहां मौजूद थी।'
उधर, इस पोस्ट को लेकर ट्वीटर ने सफाई दी है। ट्वीटर इंडिया ने लिखा 'बीते दिनों हमने महिला पत्रकारों के एक ग्रुप के साथ एक चर्चा की।इसके पीछे केवल ट्विटर को इस्तेमाल करने और उनके अनुभव को बेहतर तरीके से समझना था।इनमें शामिल एक दलित कार्यकर्ता ने अपना निजी अनुभव शेयर किया और जैक को एक पोस्टर गिफ्ट में दिया।"
Recently we hosted a closed door discussion with a group of women journalists and change makers from India to better understand their experience using Twitter. One of the participants, a Dalit activist, shared her personal experiences and gifted a poster to Jack. https://t.co/96gd3XmFgK
— Twitter India (@TwitterIndia) November 19, 2018
Apparently #hindutva trolls are having a meltdown over my posters on #Endcasteapartheid and #Smashbrahmincalpatriarchy because @jack was gifted one of them from a #Dalit activist that was present. @twitterindiahttps://t.co/akzhupMh1Kpic.twitter.com/l3YKnhweoz
— Dalit Diva (@dalitdiva) November 19, 2018
ट्विटर ने आगे लिखा 'यह बयान कंपनी या उनके सीईओ का नहीं है। ये एक प्लेटफॉर्म है जहां दुनिया भर में पर होने वाली चीज़ों को सुनने, देखने और समझने मौका मिलता है।'