समाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा,"संविधान दिवस के मौके पर आज मैं सबरीमाला जाऊंगी, मुझे वहां जाने से कोई नहीं रोक सकता है"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2019 08:37 AM2019-11-26T08:37:16+5:302019-11-26T08:47:16+5:30
तृप्ति देसाई की मानें तो सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करना महिलाओं का संवैधानिक अधिकार है, ऐसे में महिलाओं को वहां प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी महिलाओं की तरफ से याचिका दर्ज की गई है, जिसपर कोर्ट को फैसला करने है कि महिलाओं को इस मंदिर में प्रवेश में दिया जाना है या नहीं। इसी बीच महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा करने के लिए मंगलवार को यहां पहुंची।
देसाई और कुछ अन्य कार्यकर्ता मंगलवार को कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी जहां से उन्हें कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्तालय में ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर को वे लोग मंदिर में पूजा करना चाहेंगी। देसाई ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 2018 में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के आदेश के साथ वह यहां पहुंची हैं।
महिला कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘ मैं मंदिर में पूजा करने के बाद ही केरल से जाऊंगी।’’ पुणे की रहने वाली देसाई ने पिछले साल नवम्बर में भी मंदिर में दर्शन करने का एक असफल प्रयास किया था। भाषा निहारिका रंजन रंजनआज सुबह समाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने इस मामले में कहा है कि संविधान दिवस के मौके पर आज मैं सबरीमाला जाऊंगी, मुझे वहां जाने से कोई नहीं रोक सकता है।
Women's rights activist Trupti Desai at Kochi, early morning today: We'll visit #Sabarimala temple today on Constitution Day. Neither state government nor police can stop us from visiting the temple. Whether we get security or not we will visit the temple today. pic.twitter.com/7f4WMK6opI
— ANI (@ANI) November 26, 2019
उन्होंने कहा कि सरकार मुझे सुरक्षा नहीं भी देगी फिर भी वह मंदिर जाएंगी। तृप्ति देसाई की मानें तो सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करना महिलाओं का संवैधानिक अधिकार है, ऐसे में महिलाओं को वहां प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए।
इसी बीच इस साल जनवरी में पहली बार सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं में से एक, बिंदू अम्मिनी ने कहा है कि "आज सुबह एर्नाकुलम शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर एक आदमी ने मेरे चेहरे पर मिर्च पाउडर छिड़क दी।"
Kerala: Bindu Ammini, one of the two women who first entered the #Sabarimala temple in January this year, says, "a man sprayed chilli and pepper at my face,"outside Ernakulam city police commissioner's office today morning. pic.twitter.com/lt2M58264k
— ANI (@ANI) November 26, 2019
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 16 नवंबर को तृप्ति देसाई ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा था कि वह 20 नवंबर के बाद मंदिर की यात्रा पर जाएंगी चाहे वह सुरक्षा कवच प्रदान की जाए या नहीं।
महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ती देसाई ने 16 नवंबर को केरल के पथानमथिट्टा जिले के सबरीमाला मंदिर के लिए शुरुआत की थी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने हिलटॉप तीर्थ में उनके प्रवेश को अवरुद्ध करने की योजना बनाई थी। तृप्ति देसाई सीधे कोच्चि हवाई अड्डे पर पहुंचीं थीऔर वहां से सड़क मार्ग से सबरीमाला मंदिर के लिए रवाना हुईं थी।
उनके साथ बिंदू अम्मीनी भी थी, जो उन दो महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने पहली बार पिछले साल इसे मंदिर में बनाया था। भूमाता ब्रिगेड नेता ने कहा था कि 2018 के फैसले पर कोई रोक नहीं है, जो सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में पूजा करने की अनुमति देता है। कोच्चि से पम्भा बेस कैंप तक तीन घंटे लगते हैं।
उन्होंने आगे कहा , "आज 70 वाँ संविधान दिवस है और सदियों पुरानी मान्यता को तोड़ने के लिए एक आदर्श दिन है। अगर कोई हमें रोकता है, तो हम अदालत की अवमानना करेंगे। मैंने अपनी यात्रा के बारे में राज्य के सीएम और डीजीपी को पहले ही एक विज्ञप्ति भेज दी थी। यह हमारा कर्तव्य है कि वह हमें सुरक्षा प्रदान करे। ”
पुलिस ने उन्हें कोई सुरक्षा कवच नहीं दिया है, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे अपने वाहनों पर नज़र रख रहे थे। केरल में वामपंथी सरकार ने कहा है कि वह महिलाओं को पारंपरिक रूप से वर्जित आयु समूह में सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी जब तक कि उन्हें अदालत का आदेश नहीं मिलता।