TRP scam case: रिपब्लिक टीवी के दो वरिष्ठ संपादक पेश, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पूछे सवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2020 06:14 PM2020-10-14T18:14:18+5:302020-10-14T18:14:18+5:30

फर्जी टीआरपी मामलाः अपराध शाखा इस मामले में अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कथित फर्जी टीआरपी घोटाला तब प्रकाश में आया जब रेटिंग्स एजेंसी '' ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल '' (बीएआरसी) ने '' हंसा रिसर्च ग्रुप '' के जरिए एक शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं।

TRP scam case mumbai police Republic TV Two senior editors appear | TRP scam case: रिपब्लिक टीवी के दो वरिष्ठ संपादक पेश, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पूछे सवाल

रिपब्लिक टीवी ने 10 अक्टूबर को एक दस्तावेज का प्रसारण किया था जो कथित रुप से हंसा रिसर्च ग्रुप से संबंधित था। (file photo)

Highlights रिपब्लिक, मीडिया के रिपोर्ट करने के अधिकार और अपने सूत्रों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से खड़ा है।रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क हमारे कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर के साथ खड़ा है। वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर समन किए जाने के बाद अपराध शाखा पहुंच गए हैं।

मुंबईः रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर फर्जी टीआरपी मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए।

अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि नारायणस्वामी दोपहर 12 बजे अपराध खुफिया इकाई के दफ्तर पहुंचे जबकि कपूर करीब चार बजे वहां पहुंचे। वह दिल्ली में रहते हैं। रिपब्लिक टीवी ने 10 अक्टूबर को एक दस्तावेज का प्रसारण किया था जो कथित रुप से हंसा रिसर्च ग्रुप से संबंधित था।

नारायणस्वामी और कपूर को मंगलवार को जारी समन में कहा गया है कि यह मानने के वाजिब आधार हैं कि वह दस्तावेज से जुड़े कुछ तथ्यों और परिस्थितियों से वाफिक हैं। इसलिए उनका बयान दर्ज करना जरूरी है। टीवी ने एक ट्वीट में कहा, " वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर समन किए जाने के बाद अपराध शाखा पहुंच गए हैं। रिपब्लिक नेटवर्क सूत्रों का खुलासा करके झुकेगा नहीं। "

एक अन्य ट्वीट में समाचार चैनल ने कहा, " रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क हमारे कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर के साथ खड़ा है। रिपब्लिक, मीडिया के रिपोर्ट करने के अधिकार और अपने सूत्रों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से खड़ा है।"

अपराध शाखा इस मामले में अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। कथित फर्जी टीआरपी घोटाला तब प्रकाश में आया जब रेटिंग्स एजेंसी '' ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल '' (बीएआरसी) ने '' हंसा रिसर्च ग्रुप '' के जरिए एक शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं।

टीआरपी घोटाला : हंसा का पूर्व कर्मचारी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने टीआरपी की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में सोमवार को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि इस गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि हंसा रिसर्च एजेंसी के पूर्व कर्मचारी विनय त्रिपाठी को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ्तार किया।

अधिकारी ने बताया कि त्रिपाठी पूर्व में एजेंसी में बतौर ‘रिलेशनशिप मैनेजर’ के पद पर कार्यरत था। इस बीच, हंसा के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण निजारा और कंपनी के उप प्रबंधक नितिन दिओकर से भी अपराध शाखा ने कथित टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स) घोटाले के संबंध में सोमवार को पूछताछ की।

अधिकारी ने कहा कि इस मामले में रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) शिवम सुंदरम मंगलवार को अपराध शाखा के समक्ष पेश हो सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, त्रिपाठी ही वह व्यक्ति था जोकि कुछ चुनिंदा चैनलों को देखे जाने के लिए गिरफ्तार आरोपी विशाल भंडारी को पैसे देता था। 

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