बिहार के 16 जिलों के 74 लाख 19 हजार आबादी कर बाढ़ से परेशान, तेजस्वी यादव ने सरकार पर साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: August 10, 2020 06:27 PM2020-08-10T18:27:14+5:302020-08-10T18:27:14+5:30
तेजस्वी यादव ने कहा कि 75 लाख बिहारवासी बाढ़ से प्रभावित है. 40 लाख प्रवासी श्रमिक बिना काम-धंधे भूखे घर बैठे हैं.
पटना: बिहार में बाढ़ का प्रकोप कम होता नहीं दिख रहा है. सूबे के 16 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिसके चलते 74 लाख 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. कुल 125 प्रखंडों की 1232 पंचायतें प्रभावित हुई हैं. बाढ़ प्रभावित ईलाकों की स्थिती लगातार भयावह होती जा रही है. वहीं, तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि लाखों बिहारी बाढ से प्रभावित हैं. लेकिन इसके बाद भी नीतीश सरकार चैन की नींद सो रही है. सूबे के सीतामढी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा के कई गांवों में बाढ़ की पानी घुस गया है.
दरभंगा शहर के कई नीचले मुहल्लों में पानी घुस गया है. बाढ प्रभावितों को खाना खिलाने के लिए 1342 समुदायिक केंद्र चलाए जा रहे हैं जिसमें 9 लाख 86 हजार लोग भोजन कर रहे हैं.
बाढ़ में डूबने से 23 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 63 पशुओं की भी जान गई है. राहत बचाव कार्य में एनडीआरएफ और एसपीआरएफ की 33 टुकडियां भी लगी हुई है. पटना के बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बाढ बचाव ऑपेरशन इस समय मुख्यत: सारण और दरभंगा जिलों में एनडीआरएफ टीमों द्वारा चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अब तक बिहार के विभिन्न जिलों में प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने, लगभग ग्यारह हजार सात सौ बाढ आपदा में फंसे लोगों को रेस्क्यू करके, सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.वहीं, जल संसाधन विभाग की ओर से जारी आंकडों के अनुसार बागमती का जलस्तर स्थिर हो रहा है.
सीतामढी में नदी का जलस्तर कम हो रहा है. वैसे मुजफ्फरपुर में जलस्तर का बढना जारी है. डुब्बहार और कंसार को छोड कर अन्य जगहों पर अभी भी ये नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है. वैसे कहलगांव में अभी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, लेकिन वहां जलस्तर स्थिर हो चुका है, जबकि पटना में गंगा का जलस्तर कम हो रहा है.
इसबीच, बाढ़ ग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की आज हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि फरक्का बराज के गेटों का बेहतर संचालन किया जाये और उसके अपस्ट्रीम में सिल्ट की सफाई की जाये.
नीतीश कुमार ने कहा कि फरक्का बराज से हुए सिल्टेशन के कारण गंगा का जल प्रवाह बाधित हो रहा है और पटना से फरक्का पहुंचने में 3 दिन की जगह 8 से 9 दिनों का समय लग रहा है.
इसबीच, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव ने बताया कि 1,267 कम्युनिटी किचेन चलाये जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन नौ लाख 46 हजार 513 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव का कार्य कर रही हैं.
बाढ़ प्रभावित छह लाख 31 हजार 295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 378.77 करोड रुपये जीआर की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भेजी जा चुकी है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि 75 लाख बिहारवासी बाढ से प्रभावित है. 40 लाख प्रवासी श्रमिक बिना काम-धंधे भूखे घर बैठे हैं. मृतप्राय स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण लाखों कोरोना पीडित भगवान भरोसे है. लगभग 7 करोड़ बेरोजगार है.
व्यवसायी त्रस्त है. 15 वर्षीय अमानवीय सुशासनी सरकार गहरी निद्रा में है. इससे पहले भी तेजस्वी यादव कोरोना संकट और बाढ पीडितों को लेकर सरकार को घेर चुके हैं. इन दिनों खुद तेजस्वी यादव कई जिलों में जाकर बाढ पीडितों का हालचाल ले रहे हैं.
कई बार तेजस्वी सवाल उठा रहे है कि कोरोना संकट में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जनता के प्रति गंभीर नहीं. इलाज में लापरवाही बरती जा रही है.
जल संसाधन मंत्री संजय झा पर भी तेजस्वी यादव निशाना साध रहे हैं कि कई जगहों पर बांध टूट रहा है, लेकिन मंत्री न जनता के बीच जा रहे हैं न ही स्थिति का जायजा ले रहे हैं. सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं.