त्रिपुरा बार काउंसिल ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू के 'कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं' के बयान की निंदा की, कहा- "केंद्र सरकार न्यायपालिका में भय पैदा करना चाहती है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 24, 2023 12:49 PM2023-03-24T12:49:11+5:302023-03-24T12:52:07+5:30
त्रिपुरा बार काउंसिल ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा 'कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं' के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें संयम रखना चाहिए और सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ की गई टिप्पणी पर सार्वजनिक खेद व्यक्त करना चाहिए।

त्रिपुरा बार काउंसिल ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू के 'कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं' के बयान की निंदा की, कहा- "केंद्र सरकार न्यायपालिका में भय पैदा करना चाहती है"
अगरतला: कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा कुछ रिटायर जजों को भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा कहे जाने पर त्रिपुरा बार काउंसिल ने आपत्ति जताई है और उनके बयान को शर्मनाक कहा है। इस मामले में त्रिपुरा बार काउंसिल ने गुरुवार को कानून मंत्री किरेन रिजिजू की निंदा की और कहा कि देश के कानून मंत्री द्वारा रिटायर जजों के लिए इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बार काउंसिल ने कहा कि कानून मंत्री किरेन रिजिजू को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और सेवानिवृत्त न्यायाधीश के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी पर सार्वजनिक रूप से खेद जताना चाहिए। समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार त्रिपुरा बार काउंसिल ने कानून मंत्री के बयान की निंदा करते हुए दावा किया कि उनकी टिप्पणियों से यह जान पड़ता है कि केंद्र बेहद गंभीर रूप न्यायपालिका के विषयों में हस्तक्षेप करने की मंशा रखता है।
त्रिपुरा बार काउंसिल के अध्यक्ष पुरुषोत्तम बर्मन ने कहा, "दरअसल यह मौजूदा जजों पर दबाव बनाने का एक तरीका है। केंद्र सरकार चाहती है कि वर्तमान औऱ पूर्व जज उनके फैसलों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी न करें। इस कारण से कानून मंत्री ने इस तरह का बयान दिया है।"
बर्मन ने आगे कहा, "पूर्व न्यायाधीशों की आलोचना करके केंद्र सरकार न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। यह उन न्यायाधीशों के लिए एक खतरे की तरह है जिन्होंने सरकार के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। केंद्र न केवल भारतीय न्यायपालिका बल्कि सभी लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट और पूरी न्यायपालिका उसके अंगूठे के नीचे रहे। कानून मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा हाल में दिये भाषणों से ऐसा प्रतीत भी हो रहा है"
इस गंभीर आलोचना के साथ त्रिपुरा बार काउंसिल के अध्यक्ष पुरुषोत्तम बर्मन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों को पत्र लिखकर त्रिपुरा हाईकोर्ट के लिए स्थायी चीफ जस्टिस और साथ में अन्य जजों के खाली पदों को भरने की मांग की गई है।
मालूम हो कि बीते 18 मार्च को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक टीवी समाचार चैनल के कॉन्क्लेव में दावा किया था कि देश के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश "भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं" और वो भारतीय न्यायपालिका को विपक्षी दल की भूमिका निभाने के लिए भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके साथ ही कानून मंत्री रिजिजू ने ऐसा करने वाले पूर्व जजों को कथित तौर पर चेतावनी भी दी कि उन्हें देश के खिलाफ काम करने की कीमत चुकानी होगी।