तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में अटका, इस वजह से नहीं हो पाई विधेयक पर चर्चा
By भाषा | Published: January 10, 2019 02:08 AM2019-01-10T02:08:55+5:302019-01-10T02:08:55+5:30
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधयेक, 2018 पिछले साल 27 दिसंबर को लोकसभा से पारित हुआ था।
मुसलमानों में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में डालने वाला विधेयक संयुक्त विपक्ष के विरोध के आलोक में राज्यसभा में अटक गया। विपक्ष इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेजने पर अड़ गया।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधयेक, 2018 पिछले साल 27 दिसंबर को लोकसभा से पारित हुआ था। उसके बाद विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में उसकी बाद की सात बैठकों में बस एक बार आया लेकिन एकजुट विपक्ष के चलते इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
राज्यसभा के बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने तक इस विधेयक पर चर्चा नहीं हुई। इस सदन का शीतकालीन सत्र सामान्य श्रेणी के गरीबों को दस फीसद का आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने के लिए एक दिन के लिए बढ़ाया गया था।
सरकार तीन तलाक विधेयक 31 दिसंबर को राज्यसभा में लायी थी लेकिन उसे एकजुट विपक्ष के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। विपक्ष ने उसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की।