अच्छी खबर! कोवैक्सीन का 2 साल से बड़े बच्चे पर एम्स में परीक्षण शुरू, तीन माह में ट्रायल होगा पूरा
By हरीश गुप्ता | Published: June 7, 2021 08:06 AM2021-06-07T08:06:06+5:302021-06-07T09:13:51+5:30
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर असर को लेकर जानकार अभी एकमत नहीं हैं। इस बीच दिल्ली के एम्स में बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। इसका ट्रायल 2 से 18 साल के बच्चों पर किया जा रहा है।
नई दिल्ली: एक ओर जहां फाइजर ने बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन लॉन्च कर दी है, वहीं भारत में भी 2 से 18 वर्ष तक के बच्चों पर दिल्ली के प्रतिष्ठित एम्स में ट्रायल शुरू कर दिया गया है।
डॉ संजय राय 2 साल से ज्यादा के बच्चों पर किए जा रहे इस बेहद संवेदनशील परीक्षण के प्रभारी हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षण तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा। इस वैक्सीन के लिए पिछले महीने भारत के औषधि नियंत्रक की अनुमति मिलने के बाद एम्स में क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया।
भारत बायोटेक जिसकी कोवैक्सीन 18 से अधिक उम्रवालों को दी जा रही है, ने 568 बच्चों पर अपने 'बच्चों वाली वैक्सीन' का ट्रायल शुरू किया है। जाइडस कैडिला, बायोलॉजिकलई भी 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर ट्रायल कर रहे हैं लेकिन को वैक्सीन 2 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए है।
तीसरी लहर: 'बच्चों पर असर की आशंका निराधार'
डॉ राय ने कहा यह अत्यंत जटिल काम है क्योंकि अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। डॉ राय ने 2020 में व्यस्कों में पहली भारतीय वैक्सीन का ट्रायल किया था।
डॉ राय ने बताया कि मीडिया में तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की अटकलें पूरी तरह निराधार हैं। यह निष्कर्ष तथाकथित विशेषज्ञों के बिना अध्ययन और आंकड़ों के आधार पर दे दिया है जो सिर्फ अभिभावकों में डर फैला रहा है।
उनका कहना है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर सिर्फ पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञों और महामारी विशेषज्ञों की बात माननी चाहिए।