कोवैक्सीन कोविड टीका लेने वाले 8 नवंबर से जा सकेंगे अमेरका, WHO की मंजूरी बाद बदला नियम
By विनीत कुमार | Published: November 4, 2021 02:52 PM2021-11-04T14:52:05+5:302021-11-04T14:52:05+5:30
WHO ने बुधवार को कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी। इसके बाद अमेरिका ने भी नियमों में बदलाव किया है। कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग 8 नवंबर से अमेरिका जा सकेंगे।
नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का कोविड टीका लेने वाले यात्रियों को देश में प्रवेश करने के लिए हरी झंडी दे दी है। कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग 8 नवंबर से अमेरिका जा सकेंगे। अमेरिका की ओर से नियमों में संशोधन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के बाद किया गया है।
WHO ने बुधवार को कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी। भारत बायोटेक ने इसे स्वदेश विकसित टीके तक वैश्विक पहुंच को व्यापक बनाने की दिशा में अहम कदम बताया। इससे पहले डब्ल्यूएचओ के तकनीकी परामर्शदाता समूह (टीएजी) ने इसकी सिफारिश की थी। उसने 26 अक्टूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन’ करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे।
अमेरिका ने किन लोगों को दी है मंजूरी
अमेरिका के नए नियमों के मुताबिक फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड, सिनोफार्मा और सिनोवैक कोविड -19 टीके की पूरी डोज लगा चुके लोग अमेरिका जा सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत बायोटेक द्वारा और ICMR की साझीदारी में विकसित कोवैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी है और निम्न और मध्यम अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए बेहद उपयुक्त है क्यों कि इसे स्टोर करना आसान है।
कोवैक्सीन को मान्यता मिलने के बाद भारतीय यात्रियों को विदेशों में जाने पर खुद को क्वारंटाइन करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
कोवैक्सीन को मान्यता देने संबंधी ऐलान करते हुए डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया, ‘डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन (भारत बायोटेक द्वारा विकसित) टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया है। इस तरह कोविड-19 की रोकथाम के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों की संख्या में इजाफा हुआ है।’
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसके द्वारा बनाया गया टीएजी, जिसमें दुनियाभर के नियामक विशेषज्ञ हैं, पूरी तरह से आश्वस्त है कि कोवैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ रक्षा करने संबंधी उसके मानकों पर खरी उतरती है और इस टीके के लाभ इसके जोखिमों से कहीं अधिक है अत: इसका उपयोग किया जा सकता है।
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में जी20 शिखर सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस से मुलाकात की थी। डब्ल्यूएचओ का तकनीकी परामर्शदाता समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को यह सिफारिश करता है कि क्या किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं।
कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है। कंपनी ने जून में कहा था कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन के प्रभाव का अंतिम विश्लेषण समाप्त किया है।
(भाषा इनपुट)