हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, 'हिंदू दुल्हन' के तौर पर रजिस्टर होगी ट्रांसजेंडर महिला की शादी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 23, 2019 01:54 PM2019-04-23T13:54:47+5:302019-04-23T14:59:14+5:30

कोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत 'हिंदू दुल्हन' शब्द ट्रांसजेंडर महिला के लिए भी इस्तेमाल होगा, न कि केवल उसके लिए जिसने महिला के तौर पर जन्म लिया हो।

Transwoman will also be 'Hindu bride', Orders Madras high court | हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, 'हिंदू दुल्हन' के तौर पर रजिस्टर होगी ट्रांसजेंडर महिला की शादी

मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि केवल महिला के तौर पर जन्म लेने वाले के लिए 'हिंदू दुल्हन' शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा, इसमें ट्रांसजेंडर महिला भी शामिल हैं। (Image Source : pixabay)

Highlightsट्रांसजेंडर महिला की शादी 'हिंदू दुल्हन' के तौर पर रजिस्टर करने का मद्रास हाईकोर्ट ने दिया आदेशहाईकोर्ट ने कहा- केवल महिला के तौर पर जन्म लेने पर नहीं हो सकता 'हिंदू दुल्हन' शब्द का इस्तेमाल

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद शख्स और उसकी ट्रांसजेंडर पत्नी ने राहत की सांस ली है। दरअसल, शख्स ने ट्रांसजेंडर महिला से एक मंदिर में शादी करने बाद जब उसे पंजीकृत कराने की कोशिश की तो कार्यालय से इनकार कर दिया था। रजिस्ट्रार ने ट्रांसजेंडर महिला को 'हिंदू दुल्हन' मानने से इनकार कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सोमवार (22 अप्रैल) को मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत 'हिंदू दुल्हन' शब्द ट्रांसजेंडर महिला के लिए भी इस्तेमाल होगा, न कि केवल उसके लिए जिसने महिला के तौर पर जन्म लिया हो।

इसी के साथ कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार इंटर-सेक्स नवजातों और बच्चों की सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी को बैन कराए। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले और रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में 'दुल्हन' शब्द का मतलब सीमित और अडिग नहीं है। दुल्हन शब्द का मतलब केवल उसके लिए नहीं होगा जो महिला के तौर पर पैदा हुआ हो, बल्कि इसका इस्तेमाल ट्रांसजेंडर महिला के लिए भी होगा।

यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने रजिस्ट्रार कार्यालय को निर्देश दिया कि अरुण कुमार और श्रीजा (जो कि एक ट्रांसजेंडर महिला हैं) की शादी रजिस्टर की जाए। अरुण कुमार और श्रीजा ने पिछले वर्ष 31 अक्टूबर को तूतीकोरिन के एक मंदिर में शादी की थी, जिसके बाद रजिस्ट्रार ने उसे रजिस्टर करने से इनकार कर दिया था। रजिस्ट्रार कार्यालय से मायूसी हाथ लगने के बाद दंपति ने कोर्ट का रुख किया था।

न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने सरकार के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के अनुसार 'दुल्हन' शब्द का मतलब शादी के दिन वाली महिला से है और अगर अधिनियम की वैधानिक आवश्यकता पूरी नहीं होती है तो रजिस्ट्रार के पास शादी न रजिस्टर करने की शक्तियां हैं।

इस मामले में फैसला सुनाते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लेख किया था जिसमें कहा गया था कि ट्रांसजेंडर लोगों को स्व-निर्धारित लिंग का फैसला करने का अधिकार है।

Web Title: Transwoman will also be 'Hindu bride', Orders Madras high court

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