अमरनाथ यात्रा समापन की ओर, अब जम्मू से नहीं रवाना होगा श्रद्धालुओं का नया जत्था
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 6, 2022 02:59 PM2022-08-06T14:59:54+5:302022-08-06T15:04:29+5:30
अमरनाथ गुफा के लिए जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से अब तीर्थयात्रियों का कोई नया जत्था रवाना नहीं हो रहा है। प्राशासनिक अधिकारियों का कहना है कि तीर्थयात्रियों की संख्या में आ रही गिरावट के कारण नये जत्थे की रवानगी नहीं की जाएगी।
जम्मू: अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की घटती संख्या के कारण अब प्रशासन इस पवित्र यात्रा को सैद्धांतिक तौर पर समाप्त मान रहा है। हालांकि परंपरा के अनुसार 11 अगस्त को गुफा में छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही इसकी समाप्ति होगी लेकिन श्रद्धालुओं की घटती संख्या को देखते हुए जम्मू से यात्रा के कोई नया जत्था रवाना नहीं किया जा रहा है। अगर हम सरकारी दावे की बात करें तो पवित्र अमरनाथ यात्रा में अब तक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं।
अमरनाथ गुफा के लिए जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से शनिवार को तीर्थयात्रियों का कोई नया जत्था रवाना नहीं हुआ। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की संख्या में आ रही गिरावट के बीच यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो अगस्त को अमरनाथ यात्रियों से अनुरोध किया था कि वे खराब मौसम और बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर पांच अगस्त से पहले अमरनाथ यात्रा में शिरकत कर लें।
हालांकि सूत्रों के अनुसार, यात्रा में सिर्फ 200-300 श्रद्धालु कई दिनों से शामिल हो रहे थे, जिनके लिए करीब दो लाख सुरक्षाबलों को ड्यूटी पर लगाया जाना अब खल रहा था। जानकारी के लिए अमरनाथ गुफा के पास गत आठ जुलाई को भारी वर्षा के कारण अचानक आई बाढ़ में 16 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और 55 अन्य घायल हो गए थे।
अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन के लिए 43 दिन की वार्षिक अमरनाथ यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किमी लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। यह यात्रा परंपरा के अनुसार 11 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के अवसर पर समाप्त होगी। जबकि आज पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए अमरनाथ तीर्थयात्रियों का कोई नया जत्था रवाना नहीं हुआ। इसे सैद्धांतिक तौर पर यात्रा की समाप्ति माना जा रहा है।
यह सच है कि अमरनाथ गुफा में स्वतः निर्मित बर्फ के हिमलिंग के समय से पहले पिघलने के कारण जुलाई के दूसार सप्ताह से ही तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आनी शुरू हो गई थी। जबकि उप राज्यपाल सिन्हा ने कहा था कि देशभर से तीन लाख से अधिक भक्तों ने गुफा के दर्शन कर लिए हैं।
बताया जा रहा है कि बढ़ते तापमान के कारण अब बाबा का वह रूप नहीं बचा है और न ही प्रकृति भी इस मामले में साथ दे रही है। कई इलाकों में भारी बारिश हुई है। देशभर में जिन भक्तों को अभी दर्शन करने हैं, मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे पांच अगस्त से पहले आएं, क्योंकि उसके बाद और बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।