जम्मू-कश्मीर में पर्यटन अनलॉक, सब कुछ ठप, डल झील वीरान, 75 हजार से अधिक लोग बेरोजगार, करीब 50 हजार पर संकट
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 3, 2020 01:18 PM2020-08-03T13:18:21+5:302020-08-03T13:18:21+5:30
दरअसल पर्यटन के बाजार में आज भी कश्मीर का ही नाम बिकता है। जम्मू संभाग के अधिकतर पर्यटनस्थल विकसित ही नहीं किए गए। एकमात्र वैष्णो देवी के तीर्थस्थान पर आने श्रद्धालुओं को ही टूरिस्ट मान लिया जाता रहा है। और वैष्णो देवी की यात्रा भी 17 मार्च से स्थगित की जा चुकी है।
जम्मूः फिलहाल जम्मू कश्मीर में पर्यटन अनलॉक नहीं हो पाया है। कारण स्पष्ट है। कोरोना के खतरे के बीच आखिर कौन इतना जोखिम लेकर डल झील में तैरते शिकारों में बैठ कर चांदनी को निहारना चाहेगा।
यह यक्ष प्रश्न है। दरअसल पर्यटन के बाजार में आज भी कश्मीर का ही नाम बिकता है। जम्मू संभाग के अधिकतर पर्यटनस्थल विकसित ही नहीं किए गए। एकमात्र वैष्णो देवी के तीर्थस्थान पर आने श्रद्धालुओं को ही टूरिस्ट मान लिया जाता रहा है। और वैष्णो देवी की यात्रा भी 17 मार्च से स्थगित की जा चुकी है।
हालांकि वैष्णो देवी की यात्रा को अगले माह से खोले जाने की तैयारी की जा रही है पर अनलाक 2 के तहत पर्यटन को तो खोला गया पर एकमात्र पर्यटक ही अभी तक प्रदेश में पहुंचा है। वह भी एक आइएएस अधिकारी थी जो थी तो आधिकारिक टूर पर लेकिन पर्यटन विभाग ने उसे टूरिस्ट की श्रेणी में डाल दिया।
कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, फिलहाल अगले कई महीनों तक टूरिस्टों की शक्ल देखना संभव नहीं होगा क्योंकि कश्मीर में कोरोना कहर बरपा रहा है। इस कारण पहले ही अमरनाथ यात्रा को टाला जा चुका है तो जम्मू संभाग में हर साल जुलाई-अगस्त में होने वाली करीब दो दर्जन धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।
एक अनुमान के अनुसार, सिर्फ कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े 75 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो चुके हैं। जम्मू संभाग का आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है। जम्मू संभाग में धार्मिक स्थलों से जुड़े करीब 50 हजार लोगों को रोजी रोजी का संकट मुंह बाय खड़ा है।
जम्मू संभाग में इस साल जनवरी व फरवरी में ही धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वालों की संख्या 15 लाख के लगभग थी। इनमें नौ लाख सिर्फ वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालु थे। हालांकि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अगले महीने से प्रशासन द्वारा निर्देश मिलने पर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को खोलने की तैयारियों में जुटा है पर वह संख्या पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ शायद ही कर पाए।
कश्मीर घाटी में प्रतिबंध लागू, बाजार बंद
कश्मीर घाटी में सोमवार को प्रतिबंध लागू कर दिए गए और अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियां लगाई गई हैं। जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की पहली वर्षगांठ के दो दिन पहले प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि आवश्यक सेवाओं और आपातकालीन चिकित्सा सेवा को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार के आवागमन पर पाबंदी है।
अधिकारियों ने ज्यादातर सड़क और बाजार सील कर दिए हैं और लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए जनता के सहयोग की अपील की है। जिला मजिस्ट्रेटों ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने का आदेश दिया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि घाटी में सोमवार को बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर सार्वजनिक वाहन नहीं चले। सरकारी अधिकारियों और बैंक कर्मियों को पहचान पत्र दिखाने पर प्रतिबंधों से छूट दी गई। घाटी में विभिन्न स्थानों पर भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। रविवार को जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के 444 नए मामले सामने आए जिनमें से 206 जम्मू से और 238 कश्मीर से थे।