रात तक के मुख्य समाचार: लॉकडाउन-4 में ज्यादा छूट, केंद्र शासित क्षेत्र बंदिशों पर खुद ले सकेंगे फैसला, पढ़ें अब तक की बड़ी खबरें
By भाषा | Published: May 15, 2020 09:37 PM2020-05-15T21:37:14+5:302020-05-15T21:45:51+5:30
भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद से लोगों में घर लौटने की बेताबी थी और अब जब प्रवासी मजदूर एवं अन्य अपने घरों, गृह राज्यों को लौटने लगे हैं तो कोविड-19 के मामले भी उसी रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
लॉकडाउन-4 में ज्यादा छूट, केंद्र शासित क्षेत्र बंदिशों पर खुद ले सकेंगे फैसला
कोरोना वायरस के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (बंद) का अगला चरण सोमवार से शुरू होगा और इसमें लोगों को ज्यादा रियायत और लचीलापन देखने को मिलेगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि बंद के इस चौथे चरण (लॉकडाउन-4) में यात्री रेल सेवा और घरेलू यात्री उड़ानों को क्रमिक रूप से शुरू किये जाने के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अपने यहां हॉटस्पॉट को परिभाषित करने का अधिकार दिया जाएगा। देश में कहीं भी स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा घरों को खोलने की इजाजत नहीं होगी लेकिन कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सैलून, नाई की दुकानें और चश्मों की दुकानों को रेड जोन में खोलने की मंजूरी दी जा सकती है।
सीतारमण ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने यहां आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (एमएफई) को संगठित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की। यह योजना दो लाख एमएफई की मदद के लिए शुरू की जाएगी। इसके तहत क्लस्टर आधारित रुख अपनाया जाएगा। मसलन उत्तर प्रदेश के लिए आम, बिहार में मखाना, जम्मू-कश्मीर में केसर, पूर्वोत्तर के लिए बांस, आंध्र प्रदेश के लिए लाल मिर्च जैसे क्लस्टर बनाने की सुविधा के लिये इस कोष इस्तेमाल किया जायेगा।
देश में कोरोना वायरस से अब तक 2,649 लोगों की मौत, संक्रमितों की संख्या 81,970 तक पहुंची: मंत्रालय
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 100 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 2,649 तक पहुंच गई है। वहीं बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से संक्रमण के 3,967 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद शुक्रवार को कुल संक्रमितों की संख्या 81,970 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 51,401 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि अब तक 27,919 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अब तक 34.06 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।’’ संक्रमित लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से 100 लोगों की मौत हुई। इनमें से सबसे ज्यादा 44 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, गुजरात में 20, दिल्ली में नौ, पश्चिम बंगाल में आठ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, राजस्थान में चार, तमिलनाडु और कर्नाटक में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई। देश में अब तक इस वायरस की वजह से 2,649 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में अब तक 1,019, गुजरात में 586, मध्य प्रदेश में 237, पश्चिम बंगाल में 215, राजस्थान में 125, दिल्ली में 115, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 66 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में 35 लोगों की मौत हो गई।
हर्षवर्धन ने राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित करने की अपील की
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित करने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर रोक लगाने की अपील की है। सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को लिखे पत्र में हर्षवर्धन ने कहा कि धूम्ररहित तंबाकू खाने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत होती है और इससे कोविड-19, टीबी, स्वाइन फ्लू, इन्सेफ्लाइटिस आदि फैलने का खतरा बढ़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘ धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों से अस्वच्छ वातावरण पैदा होता है और बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ता है। खुदरा दुकानें, जहां यह धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों की बिक्री होती है, वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं और इससे भी कोविड-19 फैलने का खतरा बढ़ता है।’’ केन्द्रीय मंत्री ने 11 मई को लिखे पत्र में तंबाकू के उपयोग को विश्व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी लोगों से धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों का सवेन करने से बचने और सार्वजनिक स्थानों पर उसे ना थूकने की अपील की है। हर्षवर्धन ने कहा कि चबाने वाले तंबाकू उत्पादों और सुपारी से लार का उत्पादन बढ़ जाता है, जिसे थूकने को मन करता है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोविड-19 फैलने का खतरा बढ़ता है।
प्रवासियों के गृह राज्य लौटने के साथ बढ़े कोरोना के मामले
भारत में लॉकडाउन लागू होने के बाद से लोगों में घर लौटने की बेताबी थी और अब जब प्रवासी मजदूर एवं अन्य अपने घरों, गृह राज्यों को लौटने लगे हैं तो कोविड-19 के मामले भी उसी रफ्तार से बढ़ रहे हैं। ट्रेनों में किसी तरह सवार होकर, ट्रकों और बसों में ठसाठस भरकर या साइकिल चलाकर और पैदल चलकर, लाखों परेशान प्रवासी मजदूरों ने अब घरों को पहुंचना शुरू कर दिया है जब 25 मार्च से लागू लॉकडाउन को 50 से ज्यादा दिन हो गए हैं। देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में लोगों का जाना शुरू करने के साथ ही मामले भी बढ़ने शुरू हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 80,000 के पार चले गए हैं और कम से कम 2,649 लोगों की मौत हो गई है। इन आंकड़ों में सटीक संख्या का तो नहीं पता, लेकिन इसमें बड़ी संख्या में वे मामले हैं जो अपने राज्य लौटकर आए हैं।
गुजरात के कानून मंत्री चूडास्मा का चुनाव रद्द करने के आदेश पर शीर्ष अदालत की रोक
उच्चतम न्यायालय ने कदाचार के आधार पर गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा का 2017 में विधान सभा के लिये निर्वाचन रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने चूडास्मा की अपील पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये उच्च न्यायालय के 12 मई के आदेश पर रोक लगायी। इसके साथ ही पीठ ने चूडास्मा के प्रतिद्वन्दी कांग्रेस के अश्विन राठौड़ तथा अन्य को इस अपील पर नोटिस जारी किये। भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा 2017 के विधान सभा चुनाव में ढोलकिया सीट से 327 सीटों से विजयी घोषित किये गये थे। वह इस समय गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कानून मंत्री हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान चूडास्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि उनके मुवक्किल का निर्वाचन उच्च न्यायालय ने भ्रष्ट आचरण के आधार पर निरस्त कर दिया है क्योंकि डाक से मिले 429 मतों की गणना नहीं की गयी थी जो भाजपा नेता की जीत के अंतर से ज्यादा थे।
अन्य बड़ी खबरें
- मीडिया संगठनों ने अधिकारियों द्वारा कानून का कथित तौर पर दुरूपयोग कर पत्रकारों को ‘‘धमकी देने’’ और प्रेस की स्वतंत्रता में ‘‘कटौती’’ को लेकर शुक्रवार को चिंता जताई।
- सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परोक्ष रूप से चीनी भूमिका का संकेत देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह मानने के कारण हैं कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे तक भारत के सड़क बिछाने पर नेपाल किसी और के कहने पर आपत्ति जता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी सेना के साथ हाल की तनातनी पर भारतीय सेना सिलसिलेवार तरीके से निपट रही है
- चीन ने भारत की आपत्ति की बावजूद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्तिस्तान में दिआमेर-ब्हाशा बांध बना रही अपनी सरकारी कंपनी का शुक्रवार को बचाव करते हुए कहा कि इस बांध को स्थानीय आबादी की भलाई के लिये बनाया जा रहा है।
- दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के मद्देनजर चीन से सारे रिश्ते तोड़ने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर शुक्रवार को चीन ने बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी और अमेरिका से कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में आधी दूरी वह तय करेगा और आधी दूरी अमेरिका तय करे। वि8 वायरस अमेरिका भारत अल्पसंख्यक भारत में मुस्लिमों के खिलाफ ‘‘बयानबाजी और प्रताड़ना’’ दुर्भाग्यपूर्ण: अमेरिकी राजनयिक वाशिंगटन, अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के संबंध में भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ‘‘बयानबाजी और उनके उत्पीड़न’ से जुड़ी ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ खबरें अमेरिका ने देखी हैं और फर्जी खबरों एवं सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं।
- विश्व बैंक ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गरीब, कमजोर परिवारों को सामाजिक सहायता देने के भारत के प्रयासों में मदद के लिए एक अरब डॉलर की सहायता को मंजूरी दी। ये सहायता ‘भारतीय कोविड-19 सामाजिक संरक्षण प्रतिक्रिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन’ के रूप में दी जाएगी। खेल31 खेल आईसीसी टी20 कप टी20 विश्व कप को टालने पर विचार कर सकते है आईसीसी बोर्ड के सदस्य नयी दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी20 विश्व कप को 2022 तक टालने पर विचार कर सकता है।
- कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे पर बरकरार अनिश्चितता के बीच श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (एससीएल) ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से अनुरोध किया है कि वे जुलाई में इस निर्धारित श्रृंखला के लिए दौरा करने पर गंभीरता से विचार करें।