टीएमसी ने कहा- राज्यपाल का बिना बताये बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो को बचाने जाना दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 20, 2019 07:06 AM2019-09-20T07:06:41+5:302019-09-20T07:06:41+5:30
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो एबीवीपी द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करने के लिए दोपहर ढाई बजे विश्वविद्यालय आए थे। छात्रों ने आरंभ में ‘बाबुल सुप्रियो वापस जाओ’ के नारे लगाते हुए करीब डेढ़ घंटे तक सुप्रियो को कैंपस में प्रवेश करने से रोका।
तृणमूल कांग्रेस ने बाबुल सुप्रियो के तथाकथित बचाव में राज्यपाल के जादवपुर विश्विद्यालय जाने पर सवाल खड़ा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला बताया। टीएमसी का कहना है कि हमारे राज्यपाल निर्वाचित सरकार को बिना बताये बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो के बचाव में गए।
टीएमसी ने यह भी कहा कि बाबुल सुप्रियो भी बिना बताये बीजेपी के छात्रसंघ कार्यक्रम में शामिल होने वहां गए थे। दरअसल बाबुल सुप्रियो यादवपुर विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को पहुंचे जहां छात्रों के एक समूह ने उन्हें काले झंडे दिखाए और उनका घेराव करते हुए उन्हें कैंपस से बाहर जाने से रोक दिया।
TMC: This is most unfortunate&shocking that our Governor, without informing the elected government went to the so called rescue of BJP leader Babul Supriyo from Jadavpur University. Babul Supriyo went there to attend BJP students wing program without informing the Govt. (19/9) pic.twitter.com/UyyG4eYdD5
— ANI (@ANI) September 19, 2019
घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ विश्वविद्यालय पहुंचे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राज्यपाल के सामने भी वामपंथी छात्र संगठनों- एसएफआई, एएफएसयू, एफईटीएसयू और आईसा और टीएमसीपी के छात्रों ने प्रदर्शन किया।
छात्रों ने उनका रास्ता रोक दिया और उनके वाहन के बोनट पर प्रहार किया। इस बीच पुलिसकर्मी छात्रों से हटने का अनुरोध करते रहे। वहीं, राज्यपाल धनखड़ केंद्रीय मंत्री की मदद करते दिखे। यादवपुर विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (जेयूटीए) के एक प्रवक्ता ने बताया कि छात्रों को मनाने के लिए अध्यापक आगे आए जिसके बाद धनखड़ और बाबुल सुप्रियो शाम में वहां से रवाना हुए।
दिन में कैंपस में सेमिनार आयोजित करने वाली एबीवीपी के समर्थकों ने आर्ट फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू) के कमरे में तोड़फोड़ की । ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए एबीवीपी के समर्थक कमरे के फर्नीचर, कंप्यूटर और पंखों में आग लगाते हुए नजर आए। उन्होंने कमरे की दीवार पर एबीवीपी भी लिख दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के गेट नंबर चार के बाहर टायर में आग लगा दी। विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल तीन नंबर गेट से अपने वाहन में सवार होकर बाहर निकले।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो एबीवीपी द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करने के लिए दोपहर ढाई बजे विश्वविद्यालय आए थे। छात्रों ने आरंभ में ‘बाबुल सुप्रियो वापस जाओ’ के नारे लगाते हुए करीब डेढ़ घंटे तक सुप्रियो को कैंपस में प्रवेश करने से रोका। सुप्रियो ने कहा कि किसी भी घटना के लिए राज्य में तृणमूल सरकार जिम्मेदार होगी। भारी सुरक्षा के बीच संगोष्ठी में शिरकत करने वाले सुप्रियो ने कैंपस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के व्यवहार से दुखी हूं, जिस तरह उन्होंने मेरा घेराव किया। उन्होंने मेरे बाल खींचे और मुझे धक्का दिया।’’
शाम पांच बजे परिसर से बाहर निकलते समय भी भाजपा नेता को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह द्वारा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का घेराव किया जाना एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने घटना के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को तुरंत कदम उठाने को कहा। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास की तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का पर्याप्त सबूत है।