काली विवाद: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर भोपाल में मामला दर्ज, सीएम चौहान बोले-अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 6, 2022 02:59 PM2022-07-06T14:59:42+5:302022-07-06T15:01:00+5:30
कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे अपने देवी-देवताओं को किस रूप में देखते हैं।
भोपालः तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के बयान को लेकर हंगामा जारी है। भाजपा ने टीएमसी सांसद पर हमला बोल दिया है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया एवं उसकी निंदा की। इस बीच सांसद महुआ पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
FIR registered against TMC MP Mahua Moitra in Bhopal over her alleged controversial statement on Goddess Kali. Case registered under section 295A of IPC for hurting religious sentiments
— ANI (@ANI) July 6, 2022
(file pic) pic.twitter.com/yRydMr1iF2
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ भोपाल में देवी काली पर उनके कथित विवादास्पद बयान को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में IPC की धारा 295A के तहत केस दर्ज किया है। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोइत्रा के बयान से हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। देवी-देवताओं का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
"Bring it on BJP! I am a Kali worshipper. I am not afraid of anything. Not your ignoramuses. Not your goons. Not your police. And most certainly not your trolls. Truth doesn’t need backup forces," tweets TMC MP Mahua Moitra pic.twitter.com/ArAEYQ9RiQ
— ANI (@ANI) July 6, 2022
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जिस तरह हर व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का हक है, उसी तरह बतौर एक व्यक्ति उन्हें देवी काली की मांस भक्षण करने वाली एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है।
कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे अपने देवी-देवताओं को किस रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के लिए यदि आप भूटान जाते हैं तो आप पाते हैं कि वहां जब वे (लोग) पूजा करते हैं तो वे अपने देवता को मदिरा चढ़ाते हैं। अब यदि आप उत्तर प्रदेश जाते हैं और कहते हैं कि आप अपने देवता को प्रसाद के तौर पर मदिरा अर्पित करते हैं तो वे कहेंगे कि यह तो ईशनिंदा है।’’ मोइत्रा ने कहा कि लोगों को अपनी इच्छानुसार अपने देवी-देवताओं की कल्पना करने का हक है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, देवी काली मांस भक्षण करने वाली एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी हैं। और यदि आप (पश्चिम बंगाल की वीरभूम जिले की महत्वूपूर्ण शक्तिपीठ) तारापीठ जाएंगे तो आप वहां साधुओं को धूम्रपान करते हुए देखेंगे। यह काली का स्वरूप है जिसकी लोग वहां पूजा करते हैं।
मुझे , हिंदुत्व के अंदर, काली-उपासक होने के नाते काली की उस तरीके से कल्पना करने का अधिकार है और वह मेरी स्वतंत्रता है।’’ तृणमूल सांसद ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है।
मोइत्रा ने कहा , ‘जितनी आपको अपने देवी-देवताओं को शाकाहारी एवं सफेद वस्त्र में पूजा करने की आजादी है, उतनी ही मुझे वैसा करने (मांस भक्षण करने वाली देवीके रूप में कल्पना करने) की स्वतंत्रता है।’ इस बयान के वायरल होने के बाद मोइत्रा ने संघ परिवार पर हमला करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आप सभी संघियों के लिए झूठ बोलने से आप अच्छे हिंदू नहीं बनेंगे। मैंने कभी किसी फिल्म या पोस्ट का समर्थन नहीं किया और न ही धूम्रपान शब्द का जिक्र किया। सुझाव है कि आप तारापीठ में जाकर देखें कि मां काली को भोग के तौर पर क्या भोजन और पेय चढ़ाया जाता है।’
(इनपुट एजेंसी)