बंगालः राज्यपाल पर अपने लोगों को ओएसडी बनाने का आरोप, महुआ मोइत्रा ने कहा-'अंकलजी' पूरे गांव को ले आए
By अभिषेक पारीक | Published: June 6, 2021 07:55 PM2021-06-06T19:55:15+5:302021-06-06T20:02:56+5:30
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने राजभवन में ओएसडी के पदों पर अपने परिवार के लोगों और परिचितों को नियुक्त करने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने राजभवन में ओएसडी के पदों पर अपने परिवार के लोगों और परिचितों को नियुक्त करने का आरोप लगाया है। मोइत्रा ने तंज कसते हुए कहा कि 'अंकल जी' अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं।
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने रविवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को 'अंकल जी' कहते हुए दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों और अन्य परिचितों को राजभवन में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया है। इसे लेकर मोइत्रा ने ट्विटर पर एक सूची साझा की है। जिसमें राज्यपाल के ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रसांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नव-नियुक्त ओएसडी किशन धनखड़ का नाम है।
तृणमूल सांसद ने साथ ही कहा कि शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी तथा प्रसांत दीक्षित भाई हैं। मोइत्रा ने कहा कि वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं।
दिल्ली चले जाएं और अन्य नौकरी तलाश लें-मोइत्रा
मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताने से संबंधित धनखड़ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'अंकलजी पश्चिम बंगाल की 'चिंताजनक स्थिति' सुधर जाएगी अगर आप क्षमा-याचना करके वापस दिल्ली चले जाएं और कोई अन्य नौकरी तलाश लें। कुछ सुझाव हैंः 1. विपक्ष को कितना बेहतर तरीके से ठोको, इसको लेकर मुख्यमंत्री अजय बिष्ट योगी के सलाहकार बन जाइए। 2. महामारी के दौरान कैसे बेहतर तरीके से छुपा जाए, इसके लिये गृह मंत्री के सलाहकार बन जाइए। और हां, जब आप वापस जाएं तो पश्चिम बंगाल के राजभवन में बसे अपने भरे-पूरे परिवार को साथ ले जाएं।'
सवाल पूछने का लोकतांत्रिक अधिकार
टीएमसी सांसद से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, 'हम सभी के पास उनसे सवाल पूछने का लोकतांत्रिक अधिकार है। वह राज्य सरकार से सवाल पूछते रहते हैं। मैं उनसे आइना देखने का अनुरोध करती हूं। वह अपने पूरे गांव और पूरे खानदान को राजभवन ले आए हैं।'