TMC सांसद ने भी लिखा मार्क जकरबर्ग को पत्र, कहा- फेसबुक का BJP के प्रति है झुकाव, कई सबूत मौजूद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 2, 2020 01:15 PM2020-09-02T13:15:23+5:302020-09-02T13:15:23+5:30
कांग्रेस ने मंगलवार (1 सितंबर) को फेसबुक और बीजेपी के बीच ‘सांठगांठ’ होने का आरोप फिर लगाया और दावा किया कि भारत के लोकतंत्र एवं सामाजिक सद्भाव पर किया गया ‘हमला’ बेनकाब हुआ है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए।
नई दिल्ली: फेसबुक हेट स्पीच विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जकरबर्ग को पत्र लिखा है। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि फेसबुक बीजेपी के पक्ष में काम कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने पत्र में लिखा है कि बीजेपी के प्रति कथित झुकाव को लेकर सार्वजनिक तौर पर कई सबूत मौजूद हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से यह पत्र पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मार्क जकरबर्ग को लिखे पत्र में उनके साथ पहले की मुलाकात का जिक्र भी किया है। जिसमें इनमें से कुछ मामलों को उठाया गया था। टीएमसी की ओर से 28 अगस्त को ये पत्र लिखा गया था। जिसमें फेसबुक पर बीजेपी के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगाया है। टीएमसी से पहले कांग्रेस की ओर से भी मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिख ये ही मुद्दा उठाया गया था।
जानें पत्र में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने क्या-क्या लिखा?
टीएमसी पार्टी सूत्रों ने बताया कि ओ ब्रायन ने जुकरबर्गे से अक्टूबर 2015 में मुलाकात की थी। ओ ब्रायन ने कहा, भारत की दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) को भारत के 2014 और 2019 चुनाव में फेसबुक की भूमिका को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा, भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव होने में करीब कुछ ही महीने पहले, आपकी कंपनी के हाल ही में बंगाल में फेसबुक पेज और अकाउंट्स को ब्लॉक करना भी फेसबुक और बीजेपी के बीच संबंध की ओर इशारा करता है। फेसबुक के वरिष्ठ प्रबंधन के आंतरिक ज्ञापन सहित सार्वजनिक तौर पर कई ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो पक्षपात साबित करने को काफी हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी लिखा जुकरबर्ग को पत्र
सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग को मंगलवार (1 सितंबक) को पत्र लिखा। रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को तीन पन्नों का पत्र लिखकर कहा कि फेसबुक के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करनेवाले लोगों तथा प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित ''अपशब्द'' कहने वालों का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक इंडिया टीम में बैठे लोग पक्षपात के मामलों की शिकायत के बावजूद कोई जवाब नहीं देते। समिति ने फेसबुक से संबंधित मुद्दे पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी तलब किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को तलब किया है और यह नागरिक अधिकारों की रक्षा के विषय तथा सोशल मीडिया मंच के कथित दुरुपयोग पर उनके विचार सुनेगी।
जानें क्या है पूरा विवाद
फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
आरोपों के बाद फेसबुक ने अपनी सफाई में कहा था कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)