बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में प्रदर्शन किया गया, प्रशासन की चेतावनी के बावजूद नहीं माने छात्र
By शिवेंद्र राय | Published: January 28, 2023 09:41 PM2023-01-28T21:41:13+5:302023-01-28T21:43:18+5:30
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस ने छात्रों और मैनेजमेंट के लिए एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में कैंपस में ऐसे किसी भी आयोजन को लेकर चेताया गया था और उल्लंघन की स्थिति में नियमों के मुताबिक सख्ती से निपटने को कहा गया था। हालांकि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस प्रशासन के मना करने के बावजूद कुछ छात्र नहीं माने।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (फाइल फोटो)
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश के कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस विवादित डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने के दौरान विवाद हो चुका है। अब मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस के छात्रों ने प्रशासन की चेतावनी के बावजूद कॉलेज परिसर में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस ने छात्रों और मैनेजमेंट के लिए एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में कैंपस में ऐसे किसी भी आयोजन को लेकर चेताया गया था और उल्लंघन की स्थिति में नियमों के मुताबिक सख्ती से निपटने को कहा गया था। हालांकि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस प्रशासन के मना करने के बावजूद कुछ छात्र नहीं माने।
बता दें कि पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और अंबेडकर विश्वविद्यालय में भी विवाद हो चुका है। बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी दिखाने की योजना थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की इजाजत नहीं दी थी।
क्या है डॉक्यूमेंट्री में
बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है। ये सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। अब एक तरफ जहां वामपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठन 2002 गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन कर रहे हैं वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा एबीवीपी के सदस्य विरोध कर रहा हैं। हालात ऐसे बन रहे हैं कि मामला टकराव तक पहुंच जा रहा है।
हाल ही में हैदराबाद विश्वविद्यालय में गुरुवार को ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया। जवाब में एबीवीपी ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ चला दी। विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के बाद कश्मीर से हिंदुओं के पलायन को दर्शाती है।