टीपू जयंती न मनाने के आदेश को लेकर सिद्धारमैया ने कहा- देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी हैं टीपू, BJP अल्पसंख्यकों के खिलाफ
By रामदीप मिश्रा | Published: July 30, 2019 05:31 PM2019-07-30T17:31:29+5:302019-07-30T17:31:29+5:30
कर्नाटकः सिद्धारमैया ने कहा, 'केवल मैंने टीपू जयंती समारोह शुरू किया था। कर्नाटक के लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया था क्योंकि टीपू एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मेरे हिसाब से वह इस देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे।'
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर साफ कर दिया था कि उनकी सरकार टीपू सुल्तान की जयंती नहीं मनाने जा रही है। इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, कांग्रेस नेता व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। साथ ही साथ कहा है कि वह इसके निर्णय का विरोध करेंगे।
सिद्धारमैया ने कहा, 'केवल मैंने टीपू जयंती समारोह शुरू किया था। कर्नाटक के लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया था क्योंकि टीपू एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मेरे हिसाब से वह इस देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे।'
उन्होंने आगे कहा, 'चूंकि वह एक ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और हमने उनकी जंयती मनाने का फैसला किया था। टीपू अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति हैं, बीजेपी इस देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। वे धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। मैं इसका विरोध करता हूं।'
आपको बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार (30 जुलाई) को कहा कि उन्होंने कन्नड़ व संस्कृति विभाग को आदेश दिया है कि उनकी सरकार टीपू जयंती नहीं मनाने वाली है। उन्होंने बताया था कि सोमवार (29 जुलाई) को बुलाई गई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया।
Siddaramaiah, Congress, on cancellation of Tipu Jayanti by Karnataka govt: Since he's a historical man who fought against Britishers we had decided to celebrate him. Tipu is a man of minority community, BJP is against minorities in this countries. They aren't secular. I oppose it https://t.co/FARzk8vJ2F
— ANI (@ANI) July 30, 2019
टीपू सुल्तान का जन्म कर्नाटक के देवनाहल्ली (यूसुफाबाद) में हुआ था। उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। वह मैसूर राज्य के शक्तिशाली शासक थे। उनके पिता का नाम हैदर अली और माता का नाम फकरुन्निसा था। उनके पिता मैसूर साम्राज्य के सेनापति थे। जो अपनी ताकत से 1761 में मैसूर साम्राज्य के शासक बने। टीपू को मैसूर का शेर कहा जाता था। उनकी गिनती एक विद्वान, शक्तिशाली और योग्य कवियों में होती थी।
टीपू सुल्तान अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए 4 मई, 1799 को मौत हो गई थी। वहीं, उनके चरित्र के सम्बंध में विद्वानों ने काफी मतभेद है। कई अंग्रेज विद्वानों ने उसकी आलोचना करते हुए उसे अत्याचारी और धर्मान्त बताया है। जबकि भारतीय इतिहासकारों ने उन्हें काफी चतुर, होशियार और तेज-तर्रार लिखा है, जिनकी नजर में सारे धर्म बराबर थे।