बाघिन को मारे जाने के मामले को लेकर महाराष्ट्र के वन मंत्री और मेनका गांधी के बीच बढ़ा झगड़ा
By भाषा | Published: November 7, 2018 05:36 AM2018-11-07T05:36:25+5:302018-11-07T05:36:25+5:30
यवतमाल जिले में ‘‘आदमखोर’’ बाघिन अवनि की पिछले हफ्ते मारे जाने को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मुनगंटीवार की आलोचना की थी। मेनका ने इसे ‘‘नृशंस हत्या और अपराध का मामला’’ बताया था।
एक बाघिन को मारे जाने को लेकर महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और मेनका गांधी के बीच जारी झगड़ा मंगलवार को उस समय और बढ़ गया जब भाजपा नेता ने कुपोषण के कारण बच्चों की मौत को लेकर केंद्रीय मंत्री से ‘‘नैतिक आधार’’ पर इस्तीफा मांगा।
यवतमाल जिले में ‘‘आदमखोर’’ बाघिन अवनि की पिछले हफ्ते मारे जाने को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मुनगंटीवार की आलोचना की थी। मेनका ने इसे ‘‘नृशंस हत्या और अपराध का मामला’’ बताया था।
महाराष्ट्र के मंत्री ने मंगलवार को बताया, ‘‘केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री ने मेरा इस्तीफा मांगा है, जबकि आदमखोर बाघिन की हत्या से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो नहीं किया उसको लेकर अगर मैं कोई नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं तो हमारी केंद्रीय नेता को भी उदाहरण पेश करना चाहिए और उनके कार्यकाल के दौरान कुपोषण से मरने वाले बच्चों के मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम नैतिक आधार पर साथ-साथ इस्तीफा दे सकते हैं।’’ आधिकारिक रूप से टी1 नाम से मशहूर बाघिन को पिछले दो वर्षों में 13 लोग की मौत का जिम्मेदार माना जाता है।
इस बाघिन को दो नवंबर को असगर अली ने दो नवंबर को एक अभियान के तहत मारा था। असगर मशहूर निशानेबाज नवाब शफात अली के पुत्र हैं। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि इस मुद्दे पर वन मंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।