कृषि क्षेत्र के मालिक बन जाएंगे तीन-चार पूंजीपति, कानूनों को वापस लेना एकमात्र समाधान: राहुल

By भाषा | Published: January 19, 2021 07:37 PM2021-01-19T19:37:42+5:302021-01-19T19:37:42+5:30

Three-four capitalists will become the owners of agriculture, the only solution is to withdraw the laws: Rahul | कृषि क्षेत्र के मालिक बन जाएंगे तीन-चार पूंजीपति, कानूनों को वापस लेना एकमात्र समाधान: राहुल

कृषि क्षेत्र के मालिक बन जाएंगे तीन-चार पूंजीपति, कानूनों को वापस लेना एकमात्र समाधान: राहुल

नयी दिल्ली, 19 जनवरी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर मंगलवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इन कानूनों का मकसद कृषि क्षेत्र पर तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार स्थापित करना है और इसकी कीमत देश के मध्य वर्ग को भी चुकानी पड़ेगी।

तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘देशभक्त’ और ‘साफ-सुथरे’ व्यक्ति हैं तथा वे देश की रक्षा के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे।

राहुल गांधी ने ‘किसानों की पीड़ा’ पर ‘खेती का खून’ शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में एक त्रासदी पैदा हो रही है। सरकार इस त्रासदी को नजरअंदाज करना चाहती है और लोगों को गुमराह करना चाहती है। किसानों का संकट इस त्रासदी का एक हिस्सा मात्र है।’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘हवाई अड्डों, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, दूरसंचार, रिटेल और दूसरे क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर एकाधिकार स्थापित हो गया है। तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार है। ये तीन-चार लोग ही प्रधानमंत्री के करीबी हैं और उनकी मदद करते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र अब तक एकाधिकार से अछूता था, लेकिन अब इसे भी निशाना बनाया जा रहा है और ये तीनों कानूनों इसीलिए लाए गए हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘‘ इससे पहले खेती में एकाधिकार नहीं था। इसका फायदा किसानों, मजदूरों, गरीबों और मध्यम वर्ग को मिलता था। खेती का पूरा ढांचा था जो इनकी रक्षा करता था। इसमें मंडियां, कानूनी व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा शामिल थे। अब फिर इस पूरे ढांचे को आजादी से पहले वाली स्थिति की तरफ ले जाने की कोशिश हो रही है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘नतीजा यह होगा कि तीन-चार लोग पूरे देश के मालिक बन जाएंगे। किसानों को उनकी उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलेगी। बाद में मध्यम वर्ग को इसकी वो कीमत अदा करनी होगी, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये कानून सिर्फ किसानों पर हमला नहीं हैं, बल्कि मध्यम वर्ग और युवाओं पर हमला हैं। युवाओं से कहना चाहता हूं कि आपकी आजादी छीनी जा रही है।’’

कांग्रेस नेता के मुताबिक, ‘‘पंजाब और हरियाणा के किसान इस देश के रक्षक हैं। वे कृषि क्षेत्र को कुछ लोगों के हाथ में जाने से रोकने के लिए लड़ रहे हैं। सभी को इनका साथ देना चाहिए। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को लगता है कि किसानों को थकाया जा सकता है और उनको बेवकूफ बनाया जा सकता है। किसान प्रधानमंत्री से ज्यादा होशियार हैं। समाधान एक ही होगा कि तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।’’

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के हमले पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भट्टा परसौल में नड्डा जी कहां थे? किसानों का कर्ज माफ करने की बात आई तो कांग्रेस खड़ी थी। भूमि अधिग्रहण कानून कांग्रेस लेकर आई। उस वक्त नड्डा जी कहां थे? नड्डा जी हैं कौन? क्या वह हिंदुस्तान के प्रोफेसर हैं कि उनकी हर बात का जवाब दूं। मैं हिंदुस्तान के लोगों और किसानों की बात का जवाब दूंगा।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘मैं साफ-सुथरा आदमी हैं। मैं नरेंद्र मोदी या किसी से नहीं डरता। ये मुझे छू नहीं सकते। हां, गोली मार सकते हैं। मैं देशभक्त हूं और देश की रक्षा करता हूं। आगे भी करता रहूंगा। पूरा देश एकतरफ होगा तो भी मैं अकेला खड़ा रहूंगा। मुझे फर्क नहीं पड़ता।’’

राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में चीन द्वारा गांव बसाने के दावे वाली खबरों को लेकर भी मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर चीन को स्पष्ट संदेश नहीं दिया गया तो वह फायदा उठाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर चीन को स्पष्ट संदेश नहीं दिया और अगर स्पष्ट रणनीति नहीं बनाई तो चीन चुप नहीं बैठेगा और इसका फायदा उठाएगा। जब फायदा उठाएगा तो हमें नुकसान हो जाएगा और नुकसान को नहीं रोक पाएंगे।’’

उन्होंने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के कथित व्हाट्सऐप चैट को लेकर कहा कि किसी पत्रकार को देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी प्रदान करना एक ‘आपराधिक कृत्य’ है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।

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