ओडिशा में कन्या आश्रम को बम से उड़ाने की मिली धमकी, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
By भाषा | Published: February 21, 2021 04:25 PM2021-02-21T16:25:42+5:302021-02-21T16:25:42+5:30
फूलबाणी (ओडिशा), 21 फरवरी ओडिशा के कंधमाल जिले में विहिप नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती द्वारा स्थापित किए गए एक कन्या आश्रम को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके बाद पुलिस ने आश्रम की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि जलेसपट्टा में गुरुकुल संस्कृत कन्या आश्रम के प्रमुख स्वामी जीवनमुक्तानंद पुरी ने पिछले 24 घंटे में दो बार धमकी भरे फोन आने के बाद फूलबाणी जिला मुख्यालय से करीब 125 किलोमीटर दूर तिमुदीबंध पुलिस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और सुरक्षा की मांग की।
बालीगुड़ा के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी मनोज पुजारी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि धमकी भरा पहला फोन शनिवार शाम और उसी टेलीफोन नंबर से दूसरा फोन रविवार सुबह आया। पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर सशस्त्र बल तैनात करके आश्रम में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के तत्काल बाद तिमुदीबंध पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक बाबाशंकर सराफ आश्रम गए और उन्होंने सुरक्षा के प्रबंध किए। फोन पर आश्रम को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी, इसलिए एक बम निरोधी दस्ता पूरे परिसर की तलाशी ले रहा है।
इस आश्रम में इस समय 90 लड़कियां हैं, जिनमें से अधिकतर या तो अनाथ हैं या उनके माता-पिता में से कोई एक ही जीवित है। ये लड़कियां जनजातीय परिवारों की हैं।
स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार समर्थकों की 23 अगस्त, 2006 में हत्या के बाद बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर स्वामी जीवनमुक्तानंद पुरी ने स्वयं को, लड़कियों को और स्वयंसेवकों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की थी।
स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के बाद दो महीने तक चले साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई थी। स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या में नक्सलियों का हाथ था और इस बार भी पुलिस को शक है कि यह धमकी भरा फोन भी किसी प्रतिबंधित संगठन के सदस्य ने किया है, ताकि ओडिशा में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ा जा सके।
इस बीच, भाजपा की ओडिशा इकाई ने रविवार को दो विधायकों मुकेश महालिंगा और कुसुम टेटे समेत सात सदस्यीय दल को हालात का जायजा लेने के लिए आश्रम भेजा।
विहिप की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष पंडित महेश साहू ने कहा, ‘‘स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के हत्यारे 2008 से आजाद घूम रहे हैं और इसलिए उनमें इस तरह के धमकी भरे फोन करने की हिम्मत हुई। हम आश्रम और उसमें रहने वालों की कड़ी सुरक्षा की मांग करते हैं।
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