फिल्म जगत में सुपरस्टारों का यह अंतिम युग है: प्रियदर्शन
By भाषा | Published: July 21, 2021 04:30 PM2021-07-21T16:30:25+5:302021-07-21T16:30:25+5:30
मुंबई, 21 जुलाई फिल्मों में वास्तविकता का पुट बढ़ने के साथ ही, निर्देशक प्रियदर्शन का मानना है कि धीरे-धीरे सुपरस्टारों का महत्व कम हो जाएगा और उसका स्थान कहानी को पर्दे पर दिखाने की कला ले लेगी। फिल्मोद्योग के बेहतरीन निर्देशकों में से एक प्रियदर्शन ने बॉलीवुड के सबसे नामचीन कलाकारों के साथ काम किया है जिनमें सलमान खान, शाहरुख खान और अक्षय कुमार शामिल हैं।
उन्हें “हेरा फेरी”, “गरम मसाला” और “भूल भुलैया” जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है। प्रियदर्शन ने लगभग 40 साल के अपने करियर में ड्रामा से लेकर कॉमेडी तक कई भाषाओं में फिल्में बनाई हैं। उन्होंने कहा कि आज के दर्शक उन फिल्मों को नकार देते हैं जिनमें वास्तविकता नहीं होती।
उन्होंने कहा, “फिल्मोद्योग बदल गया है। मुझे लगता है कि यह सुपरस्टारों का अंतिम युग है। आज हम जिन्हें देख रहे हैं... शाहरुख खान से लेकर सलमान और अक्षय तक… उन्हें भगवान का धन्यवाद देना चाहिए। कल का सुपरस्टार फिल्म की विषयवस्तु होगी।”
प्रियदर्शन ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि कैसे फिल्में और अधिक वास्तविक होती जा रही हैं। आप विश्वास करने लायक स्थिति के बगैर किसी कहानी को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं दिखा सकते। हास्य प्रधान या गंभीर फिल्म में भी उन्हीं चीजों को दिखाया जा सकता है जो विश्वास करने लायक हों। मुझे नहीं लगता कि कोई फिल्म असफल होगी यदि उसमें विश्वास करने लायक सामग्री हो।”
प्रियदर्शन ने निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में “पुचाक्कुरु मुक्कुति” और “बोईंग बोईंग” जैसी मलयाली फिल्मों से की थी। इन दोनों फिल्मों में सुपरस्टार मोहनलाल ने अभिनय किया था। बाद में प्रियदर्शन ने तेलुगु और तमिल फिल्मों का भी निर्देशन किया।
हिंदी फिल्म उद्योग में उन्होंने 90 के दशक में “मुस्कुराहट”, “गर्दिश” और “विरासत” जैसी फिल्में दी। वर्ष 2000 में आई “हेरा फेरी” से प्रियदर्शन को भारत भर में सफलता मिली। अक्षय कुमार, परेश रावल और सुनील शेट्टी अभिनीत यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी।
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