CM नीतीश कुमार ने कहा- जलवायु परिवर्तन पर जन जागृति की जरूरत, इसके लिए पूरे बिहार में चलाया जाएगा अभियान
By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2019 07:04 PM2019-08-09T19:04:05+5:302019-08-09T19:04:05+5:30
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा लोग पहले नकली बिजली कहते थे, लेकिन लोगों को मालूम नहीं है कि सौर्य ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है. यही असली बिजली है. जो ग्रिड से बिजली आती है वो कोयले की बिजली है. कोयले की सीमा है और यह एक दिन खत्म हो जाएगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (09 अगस्त) जल-जीवन हरियाली-अभियान के तहत जन जागरूकता अभियान कार्यक्रम की शुरुआत की. पृथ्वी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर जन जागृति की जरूरत है. लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. इसके लिए पूरे बिहार में अभियान चलाना होगा. उन्होंने सोलर प्लांट लगाने पर दिया जोर दिया और कहा कि सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट लगाये जाएंगे.
हालांकि, इस अभियान की विधिवत शुरुआत 15 अगस्त से होगी, लेकिन इससे पहले जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 1.5 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि सौर्य ऊर्जा ही असली बिजली है. नीतीश कुमार ने कहा कि वर्षा अनुपात में कमी आई है और यही जलवायु परिवर्तन है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा लोग पहले नकली बिजली कहते थे, लेकिन लोगों को मालूम नहीं है कि सौर्य ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है. यही असली बिजली है. जो ग्रिड से बिजली आती है वो कोयले की बिजली है. कोयले की सीमा है और यह एक दिन खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि जल, जीवन व हरियाली होगी तभी खुशहाली होगी. इसके लिए हम लोगों को प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि वर्षा अनुपात में कमी आई है और यही जलवायु परिवर्तन है. कुएं के इस्तेमाल न करने से जलस्तर में गिरावट आई है. हम पूरे बिहार में एक अभियान चलाएंगे.
उन्होंने कहा कि पहले 145 जून को वर्षा ऋतु की शुरुआत होती थी, लेकिन अब हो बिगड गया है. पहले वर्षापात 11 सौ से 15 सौ मिली के बीच मे होती थी. पिछले वर्ष 772 मिली ही बारिश हुई थी. हम लोगों ने 242 प्रखंड को सूखा घोषित किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लेशियर कम होते जा रहे हैं. रेगिस्तान बढ़ता जा रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है इसका परिणाम क्या होगा? वृक्ष में ही शक्ति है. अब लोगों को सचेत होना पडेगा. अब वज्रपात भी अधिक हो रहा है. यह सब बिगड़ते पर्यावरण की वजह से हो रहा है. लू को ही देख लीजिए. ये पर्यावरण के असन्तुलन की वजह से हो रहा है.
उन्होंने लोगों से पूछा कि कभी आपने सोचा है कि मिथिला में जल स्तर नीचे जाएगा. ये भयावह स्थिति है. इसके लिए अभियान ही नहीं ठोस कार्ययोजना बनाई जा रही है. एक-एक गांव में पोखर और तालाब की ठीक तरीके से खुदाई कराएंगे. पोखर तालाब पर यदि कोई कब्जा कर लिया है, अब उनकी खैर नहीं. सबको कब्जा मुक्त करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आहर पइन को फिर से शुरू कराएंगे. कुंआ और चापाकल को फिर से दुरुस्त कराएंगे. पहाड़ी इलाकों में हरियाली कराएंगे. राजगीर की पहाड़ी हरी हो रही है. कुआं और कल को बेहतर करके हर जगह सोख्ता लगाएंगे. वर्षा के पानी को भूगर्भ में ले जाएंगे. रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराएंगे और इसकी शुरुआत सरकारी भवनों से करेंगे. निजी घरों पर भी लोग करें.