गुरु घरों में दखल को लेकर आरएसएस से बढ़ने लगी एसजीपीसी की नाराजगी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 3, 2019 04:03 AM2019-02-03T04:03:44+5:302019-02-03T04:03:44+5:30
लौंगोवाल ने केंद्र सरकार को चेताया है कि सिख पंथ गुरु घरों में सरकारी दखल बर्दाश्त नहीं करेगी.
शिरोमणि गुरु द्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने गुरु घरों में सरकारी दखल पर नाराजगी जाहिर की है. इस मामले में राष्ट्रीय सिख संगत की गतिविधियों को कौम विरोधी करार देते हुए चेतावनी दी गई है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को यह नहीं भूलना चाहिए कि सिख अलग कौम है. एसजीपीसी के प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय सिख संगत, जो कि आरएसएस की शाखा है, सिख विरोधी कार्य कर रही है. इस एजेंडे के तहत महाराष्ट्र सरकार तख्त श्री हजूर साहिब बोर्ड, नांदेड के एक्ट, 1956 में संशोधन की कोशिश में है.
इस एक्ट में बदलाव कर बोर्ड का प्रधान अपनी मर्जी से लगाने के लिए प्रस्ताव पास कराने के गुपचुप प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि सिख कौम इसका डटकर विरोध करेगी. लौंगोवाल ने केंद्र सरकार को चेताया है कि सिख पंथ गुरु घरों में सरकारी दखल बर्दाश्त नहीं करेगी. आरएसएस को यह नहीं भूलना चाहिए कि सिख अलग कौम है और इसका अपना इतिहास, मर्यादा और रीति-रिवाज हैं. देश की आजादी में भी सिखों ने अनेक कुर्बानियां दी हैं. सिख कौम हर धर्म का सत्कार करती है, लेकिन इसे अपने धर्म में किसी और का दखल बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने सिख कौम से आरएसएस के सिख विरोधी कारनामों का एकजुट होकर विरोध करने के लिए कहा है.
उधर, श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ग्यानी हरप्रीत सिंह ने गुरु द्वारा एक्ट 1925 में संशोधन पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि विद्वानों की राय से गुरु द्वारा एक्ट को संशोधित कर सामियक बनाया जाए. गुरु घरों में महाराष्ट्र सरकार के दखल का विरोध करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि उन्हें ऐसी बहुत सी शिकायतें मिली हैं और जल्दी ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.
बैठक में हिस्सा नहीं लिया अकाली दल ने
विपक्ष के हमलों से निपटने के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में शिरोमणि अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया. राज्यसभा सदस्य व अकाली दल के प्रवक्ता नरेश गुजराल ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि राजग के घातक दलों की बैठक में हिस्सा ले, लेकिन गुरु द्वारों के प्रबंधन में आरएसएस के दखल के कारण ऐसा नहीं हो सका.अकाली दल के महासचिव मनिजंदर सिंह सिरसा पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर भाजपा ने सिखों के धार्मिक मामलों में आरएसएस की दखलंदाजी नहीं रोकी तो उनकी पार्टी गठबंधन से अलग हो सकती है.