आखिर क्यों परेशान हैं सीमा पार बैठे आतंकियों के जम्मू-कश्मीर में रहने वाले परिजन, यहां जानें कारण
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 3, 2023 04:53 PM2023-03-03T16:53:49+5:302023-03-03T16:54:10+5:30
पिछले 33 सालों से कश्मीर में फैले आतंकवाद के अरसे में यह पहली बार है कि उस पार पाकिस्तान या पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में चले जाने वाले आतंकियों के परिवार अब प्रशासन की उस कार्रवाई से परेशान हो उठे हैं जिनके घरों को या तो ढहाया जा रहा है या फिर जब्त या सील किया जा रहा है।
जम्मू: पिछले 33 सालों से कश्मीर में फैले आतंकवाद के अरसे में यह पहली बार है कि उस पार पाकिस्तान या पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में चले जाने वाले आतंकियों के परिवार अब प्रशासन की उस कार्रवाई से परेशान हो उठे हैं जिनके घरों को या तो ढहाया जा रहा है या फिर जब्त या सील किया जा रहा है। ऐसे आतंकियों के घरों को सील करने की कार्रवाई आज भी जारी रही।
कल रूबया सईद के अपहरण में शामिल आतंकी मुश्ताक जरगर उर्फ लटरम के घर को सील कर दिया गया था तो एनआईए ने प्रशासन के साथ मिल कर आज यूएपीए अर्थात गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत बारामुल्ला के हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बासित अहमद रेशी के घर को कुर्क कर दिया।
बासित अहमद रेशी पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने, कई आतंकी हमलों की योजनाओं में सहायक होने तथा धन मुहैया करवाने के आरोप हैं। फिलहाल वह कई सालों से पाकिस्तान में है।
अधिकारियों के बकौल, ऐसे आतंकियों की संपत्तियों को कुर्क करने की मुहिम आने वाले दिनों में और तेज होने वाली है क्योंकि कल ही एनआईए ने किश्तवाड़ जिले के ऐसे 13 आतंकियों के खिलाफ गैर जमानती वरंट जारी किए थे जो उस पार से पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में बैठ कर आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं।
अधिकारियों का कहना था कि जल्द ही सरकार के समक्ष इन आतंकियों की रिपोर्ट पेश की जाएगी और फिर उनकी संपत्तियों को जब्त या कुर्क करने की कार्रवाई भी आरंभ की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में ऐसे आतंकी बने युवकों की सूचियां तैयार की जा रही हैं जो उस पार बैठकर देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।