पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी : राजनाथ सिंह
By भाषा | Published: February 21, 2021 09:27 PM2021-02-21T21:27:56+5:302021-02-21T21:27:56+5:30
सलेम (तमिलनाडु), 21 फरवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत और चीन के बीच नौ दौर की राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों द्वारा सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया ‘पूरी हो गई’ है। उन्होंने भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर ‘संदेह’ जताने को लेकर कांग्रेस पर भी प्रहार किया।
रक्षा मंत्री ने भारत-फ्रांस राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विवाद पैदा करने को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल द्रमुक की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और अन्य ने इस सौदे को ‘क्लिन चिट’ दी थी।
उन्होंने कहा कि इसने (क्लिन चिट ने) विपक्ष के आरोप ‘‘चौकीदार चोर है’’, को झूठा साबित कर दिया।
गौरतलब है कि यह तंज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना किया गया था।
रक्षा मंत्री ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन के लिए प्रचार किया।
राज्य में अगले दो महीने में चुनाव होने की संभावना है।
सिंह ने कहा कि ‘‘कमल (भाजपा) और दो पत्ती (अन्नाद्रमुक) ’’ ही राज्य में समृद्धि ला सकती है।
उन्होंने चीन से लगी सीमा पर गतिरोध के बारे में कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच नौ दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद एक समाधान निकला।’’ उन्होंने पूर्वी लद्दाख में परस्पर सहमति से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए यह कहा।
उन्होंने कहा कि उस इलाके में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिक एवं हथियार हटाए गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ नौ दौर की सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस भारतीय सेना की बहादुरी पर संदेह कर रही है...क्या यह उन सैनिकों का अपमान नहीं है, जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं।’’
गलवान घाटी में पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे।
सिंह ने जोर देते हुए कहा कि भारत अपनी सीमा पर किसी भी तरह की ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ की अनुमति नहीं देगा और इस तरह के प्रयासों को किसी भी कीमत पर विफल करेगा।
उन्होंने कहा, लेकिन कांग्रेस ने दावा किया है कि भारत ने पूर्वी पड़ोसी देश (चीन) को भू-भाग सौंप दिया है और पार्टी ने ‘‘हमें बदनाम’’ करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘इस शरीर में जब तक खून और जान है, भारत की एक इंच जमीन भी कोई हड़प नहीं सकता।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘‘कभी भी देश की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया’’ और ऐसा कभी नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल किये जाने से बल की ताकत बढ़ी है और अब यह (वायुसेना) किसी भी देश का सामना कर सकती है।
उन्होंने अर्थव्यस्था में सुधार आने का जिक्र करते हुए कहा कि विदेशी निवेश दिन ब दिन बढ रहा है और स्टॉक मार्केट में भी उछाल आ रहा है।
सिंह ने कहा कि (शेयर) बाजार न सिर्फ छलांग लगा रहा है, बल्कि ‘‘जल्लीकट्टू’’ (तमिलनाडु में सांडों का खेल) कर रहा है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के एक हद तक खत्म होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि जब दिल्ली से 100 पैसा चलता है, तो 86 पैसा बीच में गायब हो जाता है।
आज प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदीजी ने ऐसी व्यवस्था की है कि दिल्ली से 100 पैसा चलता है तो पूरे का पूरा 100 पैसा सलेम में गरीब के खाते में पहुंचता है। ’’
उन्होंने श्रीलंका के साथ सबंधों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब 2015 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी श्रीलंका यात्रा पर गए तो उन्होंने जाफना का भी दौरा किया और ऐसा करने वाले वे भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। करीब 27000 तमिल आबादी को भारत द्वारा निर्मित नये आवास सौंपे गये। ये लोग वहां गृह युद्ध के चलते बेघर हो गए थे।
उन्होंने कांग्रेस और द्रमुक को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस और द्रमुक मॉडल भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर आधारित है। ’’
भाजयुमो प्रमुख एवं लोकसभा सदस्य तेजस्वी सूर्या ने भी द्रमुक की आलोचना करते हुए उसे ‘‘तमिल विरोधी’’ बताया।
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