दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर निर्भर है 'आप' राजस्थान का सियासी भविष्य!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: January 25, 2020 06:42 AM2020-01-25T06:42:09+5:302020-01-25T06:42:09+5:30
यदि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कामयाबी मिलती है तो पार्टी की राजस्थान ईकाई में नई जान आ जाएगी. यही वजह है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के आप नेता और कार्यकर्ता उत्साहित हैं.
कभी राजस्थान से आम आदमी पार्टी को बड़ी सियासी उम्मीदें थीं और यहां बहुत राजनीतिक प्रयास भी किए गए थे, लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप नेता कुमार विश्वास के बीच पनपी राजनीतिक खटास ने यहां आप की उम्मीदों को तगड़ा झटका दे दिया.
दिल्ली न केवल राजस्थान के करीब है, बल्कि अलवर और भरतपुर जिले एनसीआर में शामिल हैं. राजधानी जयपुर सहित आसपास के क्षेत्र का दिल्ली के साथ प्रभावी रिश्ता है. इस क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों लोगों का आनाजाना है, रिश्तेनाते हैं, कामधंधे हैं, लिहाजा प्रशासनिक विभाजन रेखा उतनी असरदार नहीं है.
यदि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कामयाबी मिलती है तो पार्टी की राजस्थान ईकाई में नई जान आ जाएगी. यही वजह है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के आप नेता और कार्यकर्ता उत्साहित हैं.
दिल्ली विस चुनाव की आहट के बीच बहुत समय पहले ही राजस्थान के आप कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान वहां सक्रिय समर्थन देने की योजना तैयार की थी, किन्तु राजस्थान में पंचायत चुनाव के कारण यह पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई. अब पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद राजस्थान की आप ईकाई पूरे राजनीतिक दमखम के साथ सक्रिय होगी.
दिल्ली के करीब एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में राजस्थान की असरदार भूमिका हो सकती है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का मानना है कि दिल्ली में आप बेहद मजबूत स्थिति में है. अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा करवाए गए कार्यों को जनता ने पसंद किया है, लिहाजा दिल्ली में पार्टी फिर से भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी.
देखना दिलचस्प होगा कि- क्या दिल्ली में आप की सरकार बनती है? यदि ऐसा हुआ तो राजस्थान की आप ईकाई में भी फिर से सियासी सक्रियता जोर पकड़ेगी!