ज्ञानवापी केस की याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति को पत्र लिख मांगी इच्छामृत्यु, साथियों पर लगाया गंभीर आरोप
By अंजली चौहान | Published: June 8, 2023 11:40 AM2023-06-08T11:40:46+5:302023-06-08T11:46:43+5:30
राखी सिंह और चार अन्य महिला याचिकाकर्ताओं ने अगस्त 2021 में मूल मुकदमा दायर किया था जिसमें हिंदू मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी, उनका दावा था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हैं।
नई दिल्ली: वाराणसीज्ञानवापी मस्जिद मामले की एक याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख कर इच्छामृत्यु की मांग की है। याचिकाकर्ता राखी सिंह ने राष्ट्रपति ने इच्छामृत्यु का अनुरोध करते हुए लिखा है, जो वादियों के बीच विवाद का परिणाम प्रतीत होता है।
राखी सिंह, उन पांच महिला याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की एक अदालत से अनुरोध किया कि मस्जिद परिसर में हिंदू प्रार्थना और अनुष्ठानों की अनुमति दी जाए।
राखी सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि वह 9 जून (शुक्रवार) को सुबह 9 बजे तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगी। उसके बाद, उसने दावा किया कि वह अपना फैसला खुद लेगी।
गौरतलब है कि इस पत्र में विस्तार से बताया गया है कि उनका उनके साथी याचिकाकर्ताओं द्वारा उत्पीड़न किया गया है। इस गंभीर आरोप को लगाते हुए उन्होंने कहा कि मानसिक दबाव के कारण वह इच्छामृत्यु की मांग कर रही है।
ज्ञानवापी मामले में राखी सिंह के अलावा प्रमुख हिंदू याचिककार्ताओं में से एक जितेंद्र सिंह विसेन भी है जिनकी वह रिश्तेदार हैं। जितेंद्र सिंह ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह और उनका परिवार ज्ञानवापी विवाद से संबंधित सभी मामलों से कथित "उत्पीड़न" के कारण वापस ले रहे हैं।
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख विसेन ने कहा, "मैं और मेरा परिवार (पत्नी किरण सिंह और भतीजी राखी सिंह) देश और धर्म के हित में विभिन्न अदालतों में दायर किए गए ज्ञानवापी संबंधी सभी मामलों से वापस ले रहे हैं।" उन्होंने मामलों को अपनी सबसे बड़ी गलती कहते हुए कहा कि उनके कई याचिकाकर्ता सहयोगियों और लोगों ने उनका उत्पीड़न किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सीमित ताकत और संसाधनों के कारण अब मैं धर्म के लिए यह लड़ाई नहीं लड़ सकता और इसलिए मैं इसे छोड़ रहा हूं यह समाज सिर्फ उनके साथ है जो धर्म के नाम पर नौटंकी खेलकर गुमराह करते हैं।
बता दें कि राखी सिंह और चार अन्य महिला याचिकाकर्ताओं ने अगस्त 2021 में मूल मुकदमा दायर किया था जिसमें हिंदू मूर्तियों की पूजा करने की अनुमति मांगी गई थी, उनका दावा था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हैं। हालांकि, याचिकाकर्ताओं के बीच मतभेद सामने आए हैं।