जब तक बिल का भुगतान नहीं किया जाता तब तक मरीज का शव परिजन को नहीं दिया जाताः सांसद

By भाषा | Published: July 15, 2019 02:29 PM2019-07-15T14:29:49+5:302019-07-15T15:29:44+5:30

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने सोमवार को कारपोरेट अस्पतालों में मरीजों के इलाज के बाद अनाप-शनाप बिल बनाकर उनसे मनमाना धन वसूली जाने का मुद्दा उठाया और इस पर नियंत्रण के लिए सरकार से एक स्वास्थ्य नियामक बनाने की मांग की।

The patient's body is not given to the kin until the bill is paid: MP | जब तक बिल का भुगतान नहीं किया जाता तब तक मरीज का शव परिजन को नहीं दिया जाताः सांसद

इस पर नियंत्रण के लिए सरकार से एक स्वास्थ्य नियामक बनाने की मांग की।

Highlightsएक स्वास्थ्य नियनम आयोग बनाए जाने का अनुरोध किया ताकि कारपोरेट अस्पतालों की निगरानी और उनका नियमन हो सके।रमेश ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र की पारिस्थितिकी को गंभीर खतरा है बल्कि हजारों मछुआरों की आजीविका भी प्रभावित होगी।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने सोमवार को कारपोरेट अस्पतालों में मरीजों के इलाज के बाद अनाप-शनाप बिल बनाकर उनसे मनमाना धन वसूली जाने का मुद्दा उठाया और इस पर नियंत्रण के लिए सरकार से एक स्वास्थ्य नियामक बनाने की मांग की।

तृणमूल कांग्रेस के डॉ शांतनु सेन ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीमारी की वजह से पहले ही मानसिक परेशानी का सामना कर रहे लोगों से कारपोरेट अस्पतालों में भारी भरकम बिल लिया जाता है। उन्होंने कहा ‘‘कारपोरेट अस्पतालों के बारे में तो कहा जाता है कि वहां जब तक बिल का भुगतान नहीं किया जाता तब तक मरीज का शव परिजन को नहीं दिया जाता।’’

डॉ सेन ने सरकार से हर राज्य में एक स्वास्थ्य नियनम आयोग बनाए जाने का अनुरोध किया ताकि कारपोरेट अस्पतालों की निगरानी और उनका नियमन हो सके। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

जयराम रमेश ने पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया

कांग्रेस के जयराम रमेश ने पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से उत्तरी चेन्नई में बन रहे एक बड़े बंदरगाह परिसर को दी गई मंजूरी रद्द किए जाने का अनुरोध किया।

रमेश ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र की पारिस्थितिकी को गंभीर खतरा है बल्कि हजारों मछुआरों की आजीविका भी प्रभावित होगी। भाजपा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने जल संकट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश के 719 जिलों में से 336 जिलों में पीने का पानी प्रदूषित हो चुका है।

यादव ने कहा कि इन जिलों के पानी में फ्लोराइड, आयरन और नाइट्रेट जैसे रसायन अधिक मात्रा में पाए गए हैं जिससे यह पानी पीने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि दूषित पानी पीने से न केवल मनुष्यों और पशुओं में बीमारियां फैल रही हैं बल्कि भूमि की उर्वरता भी खत्म हो रही है।

जटिया ने देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और कुछ हिस्सों में सूखा होने का मुद्दा उठाया

तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री ने शनिवार को कोलकाता मेट्रो ट्रेन में चढ़ते समय दरवाजे में हाथ फंस जाने की वजह से एक व्यक्ति की मौत होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि रेल मंत्रालय यात्रियों की सुरक्षा से समझौता कर रहा है। शांता ने मेट्रो रेल के उन्नयन एवं उसके रखरखाव के लिए तत्काल कोष आवंटन की मांग की।

भाजपा के सत्यनारायण जटिया ने देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और कुछ हिस्सों में सूखा होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह समस्या हर साल आती है और इसका समाधान नदियों को जोड़ने से ही हो सकेगा। अन्नाद्रमुक सदस्य ए के सेल्वाराज ने भी तमिलनाडु में पड़ रहे सूखे का मुद्दा उठाते हुए छोटी नदियों को बड़ी नदियों से जोड़े जाने की मांग की ताकि सूखे से निपटा जा सके।

भाजपा सदस्य समीर ओरांव ने ओरांव जनजाति की कुडुग भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग की। कांग्रेस के डॉ टी सुब्बीरामी रेड्डी ने हर साल बस दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से सुरक्षा नीति की जांच करने व आवश्यक सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठति करने की मांग की।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का मुद्दा

सपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए मांग की कि कार निर्माता कंपनियों को अपने सीएसआर कोष से ड्राइविंग स्कूल खोल कर वाहन चालकों को समुचित प्रशिक्षण देना चाहिए।

भाजपा के श्वेत मलिक ने देश में बिजली की दरें समान करने की मांग करते हुए कहा कि ‘‘एक देश एक बिजली दर’’ बेहद क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि बिजली राज्य का विषय है और इसकी समान दर के बारे में कुछ सहमति बननी चाहिए।

कांग्रेस के पी भट्टाचार्य ने अवैध कोयला खदानों और इनमें होने वाले हादसों का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई से जांच करा कर पता लगाना चाहिए कि अवैध खदान कौन लोग चला रहे हैं।

इसी पार्टी के डॉ एल हनुमंतैया ने मांग की कि लोक उद्यमों में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की नियुक्तियां बहुत ही कम हो रही हैं, जिन्हें बढ़ाया जाना चाहिए ताकि खिलाड़ी प्रोत्साहित हो सकें। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कबड्डी और बैडमिंटन जैसे खेलों को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

भाजपा के विजय गोयल ने कहा कि प्रदूषण, आबादी, यातायात जाम और पार्किंग का अभाव दिल्ली की ऐसी परेशानियां हैं जो लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि कई आवासीय सोसायटियों का पुनर्विकास आवश्यक है ताकि दिल्ली झुग्गी बस्ती न बन जाए।

कांग्रेस के रिपुन बोरा तथा भाजपा के वीरेंद्र प्रसाद वैश ने असम में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग की। इनके अलावा भाजपा के अशोक बाजपेयी, इसी पार्टी के डॉ विकास महात्मे, मनोनीत के टी एस तुलसी और अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन एवं द्रमुक के तिरुचि शिवा ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए। 

English summary :
In the Rajya Sabha, a member of TMC, on Monday, raised the issue of arbitrary amount of money by making non-payment bills after treatment of patients in corporate hospitals and demanded to make the government a health regulator for controlling it.


Web Title: The patient's body is not given to the kin until the bill is paid: MP

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