मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पसरने लगा सन्नाटा, ऊहापोह की स्थिति से कार्यकर्ता भी हो रहे परेशान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 1, 2019 06:32 PM2019-07-01T18:32:42+5:302019-07-01T18:32:42+5:30
पदाधिकारियों ने इस्तीफे तो दिए, मगर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तक नहीं पहुंचे।
भोपाल, 1 जुलाईःमध्य प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों पदाधिकारियों द्वारा लगातार इस्तीफे दिए जा रहे हैं, मगर इन इस्तीफों से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय अंजान है. इस्तीफे देने वालों ने किसे इस्तीफे सौंपे इसकी जानकारी खुद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को नहीं है. इस्तीफों के चलते प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा सा पसरा हुआ है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बाद शुरू हुआ कांग्रेस पदाधिकारियों में इस्तीफे देने का दौर जारी है, मगर इस्तीफों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय अंजान है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठे पदाधिकारी खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में पदाधिकारी इस्तीफा तो दे रहे हैं, मगर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं है.
संभवत: ये पदाधिकारी सीधे तौर पर मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को इस्तीफा सौंप रहे होंगे, अगर उन्हें इस्तीफे सीधे भेजे गए हैं, तो उसकी जानकारी कार्यालय को नहीं है.
वहीं कुछ पदाधिकारी ऐसे भी हैं जो इस्तीफा नहीं देकर अपना तर्क इस तरह रख रहे हैं कि जब प्रदेश अध्यक्ष स्वयं इस्तीफा देता है और इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो स्वमेव ही कार्यकारिणी भंग हो जाती है, इस स्थिति में वे पदाधिकारी ही नहीं रहेंगे तो इस्तीफा देने का मतलब भी क्या?
पदाधिकारियों के द्वारा इस्तीफा दिए जाने से अब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा सा पसरने लगा है. पदाधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचते हैं, इस स्थिति में भोपाल के बाहर से आने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता परेशान भी हो रहे हैं. राज्य में कांग्रेस की सरकार होने से इन दिनों वैसे भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आमद बढ़ी थी, मगर अब इन कार्यकर्ताओं के सामने इस बात की परेशानी हो गई कि जब पदाधिकारी इस्तीफा देने के बाद कार्यालय नहीं पहुंच रहे तो इस स्थिति में वे अपनी बात किसे कहें.
निर्दलीय विधायक ने फिर दिखाए तेवर
बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा ने एक बार फिर तेवर दिखाए हैं. सुरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है. उन्हें यह विश्वास था कि मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार उन्हें मौका मिलेगा, इसके चलते वे लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में भी हैं. मगर इन दिनों कांग्रेस में चले इस्तीफे के दौर ने उनकी चिंता को बढ़ा दिया है.
वे फिर सक्रिय हुए हैं और कहने लगे हैं कि राहुल गांधी को जो भी फैसला लेना है वे जल्द लें और प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दें. सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि उनके अलावा कांग्रेस को समर्थन देने वाले विधायकों को कांग्रेस कब तक मंत्रिमंडल विस्तार का लालीपॉप दिखाएगी. उन्होंने कहा कि बीते छह माह से देख रहे हैं कि सरकार ढ़ीली-ढ़ाली चल रही है. सरकार पर अधिकारी हावी हो रहे हैं.