न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए राकांपा-कांग्रेस की 10 सदस्यीय समन्वय समिति, दोनों दलों के 5-5 सदस्य होंगे
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 20, 2019 06:18 AM2019-11-20T06:18:50+5:302019-11-20T06:18:50+5:30
सोनिया गांधी और शरद पवार ने अनौपचारिक रूप से तय किया कि कांग्रेस-राकांपा का न्यूनतम साझा कार्यक्रम अगले तीन दिनों के भीतर तैयार किया जाएगा. उसके बाद शिवसेना के साथ तीनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत होगी.
19 नवंबर महाराष्ट्र में गैर भाजपा सरकार बनाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ी राकांपा और कांग्रेस ने 10 सदस्यीय समन्वय समिति गठित करने पर सहमति जताई है. इसमें दोनों पक्षों के पांच-पांच सदस्य शामिल होंगे. दिल्ली में बुधवार को दोनों पार्टियों के नेताओं की पहली बैठक होगी.
पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने आज 'लोकमत समाचार' को बताया कि दोनों दल पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करेंगे. इस सवाल पर कि दोनों दलों को न्यूनतम साझा कार्यक्रम की आवश्यकता क्यों है, उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों दल सहयोगी हैं, लेकिन उन्होंने अपने घोषणापत्र पर अलग-अलग चुनाव लड़ा था.
पटेल ने कहा, ''हम पहले अपना न्यूनमत साझा कार्यक्रम तय करेंगे और फिर शिवसेना के साथ तीनों पार्टियों के लिए न्यूनमत साझा कार्यक्रम पर चर्चा करेंगे.'' उन्होंने कहा कि यह फैसला उस वक्त लिया गया जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को बैठक की. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, मल्लिकार्जुन खड़गे और एक अन्य नेता समन्वय समिति में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.
वहीं, राकांपा की ओर से अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, जयंत पाटिल, सुनील तटकरे और एक अन्य नेता इसमें शामिल हो सकते हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना और राकांपा को सरकार गठन की क्षमता साबित करने के लिए आमंत्रित किया था. इसमें विफल रहने के बाद 12 नवंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया. विधानसभा निलंबित में है, लेकिन छह महीने के भीतर यदि कोई भी पक्ष सरकार बनाने का दावा करता है, तो किसी भी समय इसे पुनर्जीवित किया जा सकता है.
तीन दिनों के भीतर होगा तैयार, फिर होगी शिवसेना से बात :
सोनिया गांधी और शरद पवार ने अनौपचारिक रूप से तय किया कि कांग्रेस-राकांपा का न्यूनतम साझा कार्यक्रम अगले तीन दिनों के भीतर तैयार किया जाएगा. उसके बाद शिवसेना के साथ तीनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत होगी. चूंकि उद्धव ठाकरे पहले ही 24 नवंबर को अयोध्या और फिर लालकृष्ण आडवाणी से मिलने के लिए दिल्ली की यात्रा रद्द कर चुके हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वह अब महाराष्ट्र में गैर भाजपा वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए राकांपा-कांग्रेस की ओर बढ़ रहे हैं.