जीओएम में पुराने सोने पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाने का बन रहा है विचार
By भाषा | Published: August 15, 2020 05:24 AM2020-08-15T05:24:49+5:302020-08-15T05:24:49+5:30
जीओएम का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य को सोने के परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन व्यावहारिक नहीं होगा। जीओएम ने यह भी फैसला किया है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा।
नई दिल्लीः राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बनती लग रही है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जीओएम ने यह भी कहा है कि राज्य संबंधित प्रदेश के अंदर सोने परिवहन के लिए ई-वे बिल को अनिवार्य कर सकते हैं।
हालांकि, जीओएम का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य को सोने के परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन व्यावहारिक नहीं होगा। जीओएम ने यह भी फैसला किया है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा। मंत्री समूह में केरल, बिहार, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री शामिल हैं।
इस मंत्री समूह का गठन सोने और बहुमूल्य रत्नों के परिवहन के लिए ई-वे बिल के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए किया गया था। मंत्री समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, ‘‘यह फैसला किया गया है कि यदि कोई राज्य सोने के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन करना चाहता है, तो वह राज्य के भीतर सोने को एक जगह से दूसरी लगह भेजने के मामलों में ऐसा कर सकता है।’’
बैठक के दौरान केरल और कर्नाटक चाहते थे कि राज्यों के बीच परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन किया जाए। वहीं गुजरात और बिहार का मानना था कि यह व्यावहारिक और व्यवहार्य नहीं है। मोदी बिहार के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने सोने पर कर चोरी रोकने के लिए ई-बिल अपनाए जाने का सुझाव दिया।