जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

By भाषा | Published: November 28, 2020 11:32 PM2020-11-28T23:32:24+5:302020-11-28T23:32:24+5:30

The Governor approved the ordinance against forced conversion | जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

लखनऊ, 28 नवंबर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ को मंजूरी दे दी है जिसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराये जाने और शादी करने पर दस वर्ष कैद और विभिन्‍न श्रेणी में 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

उत्‍तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्‍तव ने शनिवार को बताया कि राज्‍यपाल की मंजूरी के बाद ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ की अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्‍यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को बताया था कि इस अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल-कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डाल कर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो। इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

सिंह ने बताया था कि सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण रद्द कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। कोई धर्मांतरण छल-कपट, जबरन या विवाह के जरिए नहीं किया गया है, इसका सुबूत देने की जिम्मेदारी धर्म परिवर्तन कराने वाले तथा करने वाले व्यक्ति पर होगी।

उन्होंने कहा था, ‘‘इसका उल्लंघन करने पर सामान्य मामले में न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल कैद तथा 15,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लड़की के नाबालिग, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के होने की स्थिति में 3 से 10 साल तक कैद और 25000 रुपये जुर्माने की होगी। सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में अधिकतम 10 साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।’’

नये अध्यादेश को मंजूरी मिलते ही विपक्षी समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा, ‘‘विधेयक विधानसभा में पेश होगा तो उनकी पार्टी पूरी तरह इसका विरोध करेगी।’’ पत्रकारों के सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि सपा ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि सरकार एक तरफ अंतरजातीय और अन्‍तर्धामिक विवाह को प्रोत्‍साहन दे रही और दूसरी तरफ इस तरह का कानून बना रही है ‘‘ऐसा दोहरा बर्ताव क्‍यों?’’

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि धोखा देकर विवाह करने के बाद धर्मांतरण की घटनाओं पर कानून बनाकर राज्य की भाजपा सरकार ने स्वागत योग्य कार्य किया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अध्‍यादेश छह माह तक प्रभावी रह सकता है और उसके बाद कानून बनाने के लिए विधानसभा में विधेयक लाना जरूरी होगा।

पिछले दिनों उप चुनाव के दौरान उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि सरकार लव जिहाद से निपटने के लिए एक नया कानून बनाएगी। उन्‍होंने जौनपुर और देवरिया की जनसभाओं को संबोधित करते हुए बहन-बेटियों का सम्‍मान नहीं करने वालों को चेतावनी दी और कहा कि ऐसे लोग अगर नहीं सुधरे तो उनका ‘राम नाम सत्‍य’ हो जाएगा।

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Web Title: The Governor approved the ordinance against forced conversion

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