कोर्ट ने महिला को दी राहत, तलाक पर ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ से छूट दी

By भाषा | Published: May 9, 2019 07:42 PM2019-05-09T19:42:12+5:302019-05-09T19:42:12+5:30

कूलिंग ऑफ पीरियड से तात्पर्य उस अवधि से है जिसके दौरान दो असहमत लोग या समूह आगे की कार्रवाई करने से पहले अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं।

The Delhi High Court has come to the aid of a woman who is set to remarry soon by waiving the cooling off period for divorce from her estranged husband. | कोर्ट ने महिला को दी राहत, तलाक पर ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ से छूट दी

दरअसल, दंपति ने जुलाई 2017 में शादी की थी और वे 25 अक्टूबर 2017 से अलग रह रहे थे।

Highlightsआपसी सहमति से विवाह विच्छेद होगा और इस बात पर सहमति बनी कि पुरुष महिला को साढ़े तीन लाख रुपये देगा। एक दिन पहले परिवार अदालत ने छह महीने की अनिवार्य वैधानिक अवधि से छूट का अनुरोध ठुकरा दिया था। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जल्द ही दूसरी शादी करने जा रही एक महिला को राहत देते हुए उसे अलग रह रहे पति से तलाक के लिए ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ से छूट दे दी। कूलिंग ऑफ पीरियड से तात्पर्य उस अवधि से है जिसके दौरान दो असहमत लोग या समूह आगे की कार्रवाई करने से पहले अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि अलग रह रहे दंपति के बीच संबंध अच्छे होने की कोई संभावना नजर नहीं आती। अदालत ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का जिक्र किया जिसमें कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच अलग होने के 18 महीने की अनिवार्य समयावधि के बिना भी तलाक को मंजूर किया जा सकता है।

शीर्ष अदालत ने 2017 में कहा था कि अदालतें आपसी रजामंदी के जरिये तलाक के मामलों में छह महीने के ‘‘कूलिंग ऑफ पीरियड’’ से छूट दे सकती हैं। उच्च न्यायालय ने एक महिला को हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13बी (2) के तहत छह महीने की वैधानिक समयावधि से छूट दी।

अदालत ने एक परिवार अदालत के आदेश को निरस्त किया जिसने महिला के आवेदन को खारिज कर दिया था। दरअसल, दंपति ने जुलाई 2017 में शादी की थी और वे 25 अक्टूबर 2017 से अलग रह रहे थे। घरेलू हिंसा कानून 2005 के तहत कार्यवाही के दौरान, पक्षों ने मध्यस्थता के जरिये अपने विवाद सुलझाए थे।

समझौता यह हुआ कि आपसी सहमति से विवाह विच्छेद होगा और इस बात पर सहमति बनी कि पुरुष महिला को साढ़े तीन लाख रुपये देगा। उन्होंने परिवार अदालत से छह महीने की वैधानिक अवधि से छूट के लिये आवेदन दिया। महिला को दो मई को एक अन्य पुरुष से शादी करनी थी लेकिन एक दिन पहले परिवार अदालत ने छह महीने की अनिवार्य वैधानिक अवधि से छूट का अनुरोध ठुकरा दिया था। 

Web Title: The Delhi High Court has come to the aid of a woman who is set to remarry soon by waiving the cooling off period for divorce from her estranged husband.

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