निर्भया के दोषियों की फांसी फिर टली, डेथ वारंट पर पटियाला हाउस कोर्ट का स्टे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2020 03:57 PM2020-01-16T15:57:45+5:302020-01-16T16:13:51+5:30
पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषियों की फांसी पर स्टे लगा दिया। निर्भया के दोषियों की फांसी फिर टल गई है।
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाये चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।
पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषियों की फांसी पर स्टे लगा दिया। निर्भया के दोषियों की फांसी फिर टल गई है। कोर्ट ने दया याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि 22 जनवरी को उन दोषियों को फांसी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जेल अधिकारियों को सिर्फ मुझे यह रिपोर्ट देनी होगी कि हम उन्हें 22 जनवरी को फांसी नहीं देंगे।
दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों की मौत की सजा के आदेश पर अमल करने के संबंध में कल तक ठीक से स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने यह निर्देश दिया। इससे पहले, जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया था कि उन्होने दोषियों की लंबित याचिकाओं के मद्देनजर 22 जनवरी को उनकी मौत की सजा के आदेश पर अमल करने के संबंध में दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है।
The Delhi government today rejected the mercy plea of 2012 Delhi gang-rape case convict Mukesh Singh. https://t.co/jZlD0mHlvf
— ANI (@ANI) January 16, 2020
उसने न्यायालय से उसकी फांसी की सजा की तिथि को इस आधार पर स्थगित किये जाने का अनुरोध किया है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है। याचिका का उल्लेख अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष किया गया है जिन्होंने बृहस्पतिवार के लिए राज्य और पीड़िता के अभिभावक को नोटिस जारी किये।
अदालत ने मुकेश के वकील से कहा कि अभियोजक को याचिका की प्रति उपलब्ध कराई जाये। निचली अदालत द्वारा इन दोषियों को फांसी देने के लिये वारंट जारी करने के सात जनवरी के आदेश के खिलाफ दोषी की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने विचार करने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने उसकी सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया था। उसने उसी दिन राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की। दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह दरिंदों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह से जख्मी हालत में पीड़िता को सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।