'वंदे मातरम' के पहले दो छंदों के इस्तेमाल का फैसला सिर्फ नेहरू का नहीं था, खरगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 9, 2025 15:52 IST2025-12-09T15:51:59+5:302025-12-09T15:52:27+5:30

The Decision to use the first two verses of Vande Mataram was not Nehru alone, says Kharge | 'वंदे मातरम' के पहले दो छंदों के इस्तेमाल का फैसला सिर्फ नेहरू का नहीं था, खरगे

'वंदे मातरम' के पहले दो छंदों के इस्तेमाल का फैसला सिर्फ नेहरू का नहीं था, खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा नेताओं पर जवाहरलाल नेहरू का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम्’ के पहले दो छंदों को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाने का निर्णय केवल नेहरू का नहीं था, बल्कि यह निर्णय महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और अन्य नेताओं की सहमति से लिया गया था। ‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150 साल पूरा होने पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस पर बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित इस गीत को ‘बांटने’ का आरोप लगाया, लेकिन कांग्रेस नेता हमेशा से ‘वंदे मातरम्’ का उद्घोष करते रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कांग्रेस पर यह आरोप लगाने के बाद कि केवल दो छंदों को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाने के पीछे ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ थी, खरगे ने अपने भाषण की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ का उद्घोष करते हुए की। खरगे ने कहा, “हम हमेशा से वंदे मातरम् गा रहे हैं। लेकिन जिन्होंने इसे नहीं गाया, वे अब गा रहे हैं। यह वंदे मातरम् की शक्ति है। यह राष्ट्रीय उत्सव है, बहस नहीं।

जब 1921 में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तब कांग्रेस सदस्य जेल जाते समय वंदे मातरम् गा रहे थे… आप तब क्या कर रहे थे? आप ब्रिटिशों के लिए काम कर रहे थे।” उन्होंने आरोप लगाया, “आप हमें देशभक्ति सिखा रहे हैं? आप देशभक्ति से डरते थे और ब्रिटिशों की सेवा कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री, नेहरू जी का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। मैंने साफ सुना कि प्रधानमंत्री ने छंद हटाने का दोष नेहरू पर डाला।” खरगे ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने जब इस निर्णय को मंजूरी दी तब महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मदन मोहन मालवीय और आचार्य जेबी कृपलानी मौजूद थे। उन्होंने सवाल किया, “आप इन महान नेताओं का अपमान कर रहे हैं। यह उनका संयुक्त निर्णय था। अकेले नेहरू जी को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?” उन्होंने दावा किया कि ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा उन समस्याओं से ध्यान हटाने का प्रयास है जिनका देश सामना कर रहा है उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ एक मूल मंत्र है जो हम सबके जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्य, अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराता है और अपनी देश भक्ति तथा निष्ठा को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रेरित करता है।

Web Title: The Decision to use the first two verses of Vande Mataram was not Nehru alone, says Kharge

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