कृषि कानूनों को निरस्त किए बिना गतिरोध नहीं टूटेगा : पंजाब मंत्रिमंडल
By भाषा | Published: January 14, 2021 08:48 PM2021-01-14T20:48:58+5:302021-01-14T20:48:58+5:30
चंडीगढ़, 14 जनवरी पंजाब मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त किए बिना केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गतिरोध नहीं टूटेगा।
मंत्रिमंडल ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य और किसानों के हितों की रक्षा के लिए तमाम कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कहा, ‘‘केंद्र सरकार जमीनी हकीकत नहीं जान पा रही है।’’
सरकार के एक बयान के मुताबिक मंत्रिमंडल के सदस्यों ने कहा कि मौजूदा गतिरोध को तोड़ने के लिए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
मंत्रिपरिषद ने मांग की है कि केंद्र, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसानों का कानूनी अधिकार बनाए।
राज्य मंत्रिमंडल ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा। अनुमान के मुताबिक अब तक 78 किसानों की मौत हो चुकी है।
मंत्रिमंडल ने आंदोलन के जल्द समाधान की जरूरत को भी रेखांकित किया ताकि आगे किसी की जान ना जाए। साथ ही कहा कि मामले पर प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठ चरण की वार्ता हो चुकी है और मामले पर पर्याप्त चर्चा हो चुकी है। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ भी बैठक में मौजूद थे।
मंत्रिमंडल ने कहा कि केंद्र को मामले पर ‘‘अहंकारी रुख’’ नहीं अपनाना चाहिए और समाधान नहीं हुआ तो दशकों तक देश को इसका नुकसान होगा।
मंत्रिमंडल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी प्रदर्शनकारी किसानों की चिंताओं का संज्ञान लिया है।
एक औपचारिक प्रस्ताव में पंजाब मंत्रिमंडल ने पिछले साल 28 अगस्त और 20 अक्टूबर को पंजाब विधानसभा द्वारा जारी प्रस्तावों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि किसानों की सभी जायज मांगें स्वीकार की जानी चाहिए।
मंत्रिमंडल ने किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में मुद्दों पर चर्चा के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलायी थी।
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