अदालत ने उत्पादों को गलत तरीके से ओआरएस बताने के आरोप वाली याचिका पर विचार करने का प्राधिकारियों को निर्देश दिया

By भाषा | Published: August 26, 2021 01:20 PM2021-08-26T13:20:53+5:302021-08-26T13:20:53+5:30

The court directed the authorities to consider the petition alleging that the products were wrongly stated as ORS | अदालत ने उत्पादों को गलत तरीके से ओआरएस बताने के आरोप वाली याचिका पर विचार करने का प्राधिकारियों को निर्देश दिया

अदालत ने उत्पादों को गलत तरीके से ओआरएस बताने के आरोप वाली याचिका पर विचार करने का प्राधिकारियों को निर्देश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि कुछ फार्मास्यूटिकल कंपनियों द्वारा उत्पादों को ओरल रिहाईड्रेशन सॉल्ट (ओआरएस) बताने के लिए जानबूझकर गलत तरीके से लेबल लगाने के आरोप वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर प्रतिवेदन के रूप में विचार करें। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और दिल्ली सरकार को मामले पर लागू कानून, नियमों, विनियमों और सरकारी नीति के अनुसार प्रतिवेदन पर फैसला करने का निर्देश दिया और याचिका का निपटान किया। अदालत ने कहा कि प्रतिवेदन पर फैसला करते समय, अधिकारी अन्य पक्षों को पर्याप्त रूप से सुनेंगे यदि उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित होने की संभावना है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सहायक प्राध्यापक एवं आठ वर्षीय बच्चे की मां, याचिकाकर्ता रूपा सिंह ने दावा किया कि स्थानीय फार्मेसी ने उन्हें ओआरएस के नाम पर एक ‘ओआरएस लिक्विड’ बेचा और इससे बच्चे की सेहत और बिगड़ गई। याचिका में कहा गया, “जब बच्चे की तबीयत खराब हुई, तो उसने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह ली और वह उस समय हतप्रभ रह गईं जब उन्हें बताया गया कि 'ओआरएसएल' 'ओआरएस' नहीं है और इसमें मौजूदा सामग्रियां डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित सामग्रियां नहीं हैं।” अधिवक्ता गुरिंदर पाल सिंह के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों के आधार पर एक भारतीय विशेषज्ञ निकाय ने “सभी उम्र और सभी प्रकार के दस्तों के लिए स्वीकार्य सोडियम 75 एमएमओएल प्रति लीट और ग्लूकोज 75 एमएमओएल प्रति लीटर, ऑस्मोलेरिटी 245 एमओएमएमओएल प्रति लीटर युक्त एक एकल सार्वभौमिक ओआरएस घोल” की अनुशंसा की है। हालांकि, फार्मा कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर अपने अन्य उत्पादों को ओआरएस के रूप में गलत लेबल कर रही हैं।

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Web Title: The court directed the authorities to consider the petition alleging that the products were wrongly stated as ORS

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